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इलाज के दौरान बेटी ने तोड़ा दम, पिता के नहीं रुक रहे आंसू

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चिल्हिया थाना क्षेत्र के एक गांव तीन दिन पहले एक युवती से उसके जीजा ने गांव के ही एक युवक के साथ मिलकर न सिर्फ दरिंदगी की, बल्कि अपनी करतूत छिपाने के लिए जाने से मारने की नियत से बेहरमी से पीट दिया। मरा हुआ मानकर उसे गांव के बाहर बाग में छोड़ दिया था।

सिद्धार्थनगर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां जीजा और उसके दोस्त की हैवानियत का शिकार हुई 22 वर्षीय युवती सोमवार को 60 घंटे बाद जिंदगी की जंग हार गई। दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने युवती की बेरहमी से पिटाई की थी जिससे वह बेहोश हो गई थी। सिर में गंभीर चोट लगने से वह कोमा में चली गई थी। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वार्ड में उसे भर्ती कराया गया था। हैवानियत के आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी हैअपनों से मिले जख्म के कारण पीड़िता के पिता के मुंह से एक भी अल्फाज नहीं निकल रहा है। बेटी को देखकर उसके आंसू रुक नहीं रहे हैं। दामाद की ओर से दिए गए जख्म पिता के आंसू बयां कर रहे हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद मुंबई में रहने वाले पीड़िता के दो भाई घर पहुंच गए हैं।बहू के साथ पीड़ित बेटी के इलाज में पिता जुटा हुआ था और ईश्वर से दुआ कर रहा था कि बेटी उठकर उसे अबू बोल दे। गांव में बहन भी पति के कृत्य से शर्मिदा है, उसका कहना है कि पति ने ऐसा कर दिया, जिससे न तो मायके में सिर उठाने लायक बची न ससुराल में। कैसे चेहरा दिखाएंगें, यह गम हमें खाए जा रहा है।

क्या था मामला  चिल्हिया थाना क्षेत्र के एक गांव तीन दिन पहले एक युवती से उसके जीजा ने गांव के ही एक युवक के साथ मिलकर न सिर्फ दरिंदगी की, बल्कि अपनी करतूत छिपाने के लिए जाने से मारने की नियत से बेहरमी से पीट दिया। मरा हुआ मानकर उसे गांव के बाहर बाग में छोड़ दिया था। मामले की जांच हुई पुलिस ने आरोपी जीजा और उसके सहयोगी को जेल भेज दिया है।

बेटी की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज में मौजूद वृद्ध हो चुके पिता की बूढ़ी आंखों से आंसू के अलावा मुंह से अल्फाज नहीं निकल रहा था, वह किसी को बोलते समय रो पड़ रहे हैं। कारण बिटिया को जो जख्म मिला, किसी गैर ने नहीं, बल्कि जिसे बेटे की तरह से मानते थे, उस दामाद से मिला है।