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मोदी कार्यकाल की समीक्षा :- एक नज़र

मोदी कार्यकाल की समीक्षा :- एक नज़र
बीजेपी समर्थक और एक खास वर्ग जहाँ मोदी सरकार के उपलब्धियॉ गिनाता फिर रहा है , वही विपक्ष सरकार के नाकामी का पिटारा खोल के बैठी है। जहाँ सरकार यह बताने में लगी है की देश दुनिया के नज़रो में सरकार का सम्मान और कद बढ़ा है। भारत का नाम पुरे दुनिया रोशन में हुआ है , वही विपक्ष का कहना है की सरकार ने पुरे देश को बर्बाद कर दिया है।

आइये इसकी एक ईमानदार समीक्षा करते है …

२०१४ से पहले कांग्रेस की गोवेर्मेंट थी , मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। उस समय भारत का विदेशी कर्ज पचपन लाख करोड़ के आस पास था लेकिन आज जब हम भारत का विदेश कर्ज देखते है तो लगभग १ लाख चालीस हजार करोड़ है। हा…. उल्लेखनीय यह है कि देश के आजादी से लेकर २०१४ तक में ५५ लाख करोड़ था और केवल मोदी गवर्नमेंट के कार्यकाल में ही हमने लगभग दुगने से अधिक कर्ज ले ले लिया।

मॅहगाई की दर देखे तो आजादी के बाद सबसे ज्यादा इसी सरकार में है। बेरोजगारी चरम पर है। शिक्षा व्यस्था के अमीरो के लिए बनाई जा रही है। लोगो की कमाई खाने पीने में खर्च हो जा रहा है।

देश एक बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है , जिसमे एक वर्ग खुशहाल जिसे सरकारी सरक्षंण मिल रहा है और एक वर्ग ऐसा है जिसे एक दिन जीने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।

आज देश की जो भी बुरी स्थिति है , उसका जिम्मेदार सरकार की गलत नीतिया है – जिसमे मुख्यतः नोटबंदी ,gst ,और lockdown ने अहम् भूमिका निभाया है।

सरकार में बैठे लोगो के पास आम आदमी के लिए काम करने और उन्हें रोजगार देने का कोई प्लान ही नहीं है। योजना ही नहीं है. सरकारी स्तर पर रोजगार ख़तम किया जा रहा। सरकारी स्तर पर वैसे भी माध्यम वर्ग के लिए कोई काम नहीं है।

lockdown ने जहाँ लोगो का रोजगार को चौपट किया और उनके बैलेंस को माइनस किया , वही जीएसटी ने बिज़नेस और व्यापारियों को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ा। नोटबन्दी के तो कहने ही क्या….

नोटबन्दी ने बिज़नेस बर्बाद किया , लोगो को परेशान किया।

मोदी सरकार कुल १०० लाख करोड़ तक कर्ज ले चुकी है , जिससे अब सरकार की मज़बूरी बन जाएगी की जनता को मिलने वाली सुभिधाओ में कटौती करे। किसी न किसी तरीके से जनता से पैसा वसूले। हर चीज में टैक्स को बढ़ा दिया जाय। शिक्षा , स्वास्थ्य और जो भी मूलभूत सुभिधाये उनमे कमी लाया लाया जाय।

इस गवर्नमेंट के किये कारनामो का नतीजा आने वाली पीढ़ी और सरकारों को भुगतना होगा। कर्ज के कारन सरकार को जनता के ऊपर भी टैक्स लादने होंगे जिससे महगाई बढ़ेगी। आमदनी काम होगा , बिक्री घटेगी जिससे दुकानदार की भी आमदनी काम होगी. लोगो के पास पैसा न होने से मॉल का खपत काम होगा और फ़ैक्ट्री मालिकों की भी वाट लगना तय है।
ऐसा होने पर सरकार की भी आमदनी काम होगी , जिससे सरकार अपना लोन नहीं जमा कर पायेगी और देश दिवालिया भी हो सकता है। ये सारे स्थिति आने वाले वाले समय सामने आ सकते है।

मोदी गवर्नमेंट देश को एक विकट स्थिति में डाल सकती है।