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हुनर है पर लंबाई से मात खा रहीं बेटियां

खेल छात्रावास के ट्रायल में पहुंची इकलौती खिलाड़ी शिवांगीसंवाद न्यूज एजेंसी
सिद्धार्थनगर। जिले में उभरती हुई वाॅलीबाॅल खिलाड़ियों की संख्या अधिक है, लेकिन इनमें अधिकतर खिलाडि़यों की लंबाई कम है। यहीं कारण है जिला स्पोर्ट्स स्टेडियम में सोमवार को हुए खेल छात्रावास के ट्रायल में एक ही खिलाड़ी पहुंची, जबकि जिले के खिलाड़ियों की टीम राज्य प्रतियोगिताओं में कई उपलब्धियां हासिल कर चुकी हैं।
वॉलीबॉल के जिला स्तरीय ट्रायल चयन में बढ़नी की शिवांगी ही पहुंची। छात्रावास में चयन में 12 से 15 वर्ष उम्र की खिलाड़ी होनी चाहिए और लंबाई 165 सेमी होनी चाहिए। शहर के रेहरा में उभरती हुई खिलाड़ियों की टीम है, लेकिन लंबाई कम होने के कारण वे ट्रायल में शामिल नहीं सकी।

बेसिक शिक्षा विभाग के अनुदेशक खेल अरविंद गुप्ता ने बताया कि रेहरा की टीम में खिलाड़ियों की लंबाई कम है, लेकिन ये टीम जीत जाती है। कम लंबाई के कारण वे आक्रामक की बजाए रक्षात्मक शैली से खेलती हैं। चार खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धि हासिल की है।
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तैराकी में पहुंचीं तीन खिलाड़ी
खेल छात्रावास के लिए तैराकी में तीन खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया है, जिनका ट्रायल मंगलवार को होगा। क्रीड़ाधिकारी आशुतोष अग्निहोत्री ने बताया कि तैराकी में तीन और वॉलीबॉल में एक खिलाड़ी ने ट्रायल दिया। वॉलीबॉल खिलाड़ी का चयन मंडल स्तरीय प्रतियोगिता के लिए हुआ है।

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