कृषि मंत्री ने ये भी कहा, ‘ कहीं कोई भीड़ इकट्ठी हो जाए और कह दे कि कानून पलट दो तो ऐसा नहीं होगा. तोमर ने कहा कि बातचीत का निर्णय तब होता है, जब कोई बताता है कि आखिर कानून में आपत्ति क्या है. हम ये भी जानना चाहते हैं कि कानून में किसान के विरुद्ध क्या है, ये तो कोई बताए.
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