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सिद्धार्थनगर : 21वीं सदी में पहली बार इतना गर्म है अप्रैल, झुलसा रही लू

सिद्धार्थनगर। अप्रैल में पारा 42 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। लपट ऐसी है, जैसे लू लग रहा हो। आंकड़ों के अनुसार, 21वीं सदी में पहली बार अप्रैल इतना गर्म है। ढाई दशक बाद अप्रैल में ही मौसम ज्यादा तल्ख हो गया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार अधिक गर्मी पड़ने का पूर्वानुमान है। धूप की चपेट में आने वाले लोग उल्टी दस्त से बीमार हो रहे हैं।

जिले में मंगलवार को अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य तापमान 38.9 डिग्री सेल्सियस से तीन डिग्री ऊपर है। अधिकतम तापमान दो डिग्री और बढ़ जाए तो लू शुरू हो जाएगी। तेज धूप में राजस्थान की ओर से आ रही गर्म पश्चिमी हवाओं की लपट बर्दाश्त नहीं हो रही है। यहीं कारण है कि शहर की सड़कोंं पर दोपहर धूप का कर्फ्यू नजर आ रहा है। जो लोग मजबूरी में जा रहे हैं, उनके चेहरे सूख जा रहे हैं, लोग धूप से छांव में पहुंचते ही प्यास बुझाने के लिए पानी की तलाश कर रहे हैं।

मौसम विभाग में सिद्धार्थनगर का रिकॉर्ड नहीं है। साढ़े दशक सिद्धार्थनगर बस्ती जनपद का हिस्सा था और दोनों की जलवायु लगभग एक समान है। बस्ती के रिकॉर्ड के अनुसार अप्रैल 1996 में अधिकतम तापमान 42.3 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था, उसके बाद अप्रैल में कभी भी मौसम इतना बेरहम नहीं था। एक सप्ताह से हर दिन तापमान में वृद्धि हो रही है। अगले 24 घंटे में यानी बुधवार को तापमान में और वृद्धि होने का अनुमान है। हालांकि, उसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बादल, बारिश का मौसम बनने की संभावना है। राज्य मौसम केंद्र के प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि 1996 के बाद पहली बार अप्रैल में इतनी अधिक गर्मी है। इस बार गर्मी अधिक पड़ने का पूर्वानुमान है।

पारे की चाल
अप्रैल- तापमान
11- 37.6
12- 39
13- 39.8
14- 38.9
15- 39.2
16- 40.8
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…और अचानक बढ़ गए उल्टी दस्त के मरीज
सिद्धार्थनगर। मौसम की मार से लोग बीमार होने लगे हैं। माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज के संयुक्त जिला अस्पताल में मंगलवार को ओपीडी में उल्टी दस्त के मरीज अधिक पहुंचे, जबकि धूप से छांव में जाते ही शीतल पेय पदार्थ पीने वाले लोग खांसी खराश की चपेट में आ रहे हैं। चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. सीबी चौधरी ने बताया कि मंगलवार को मेडिसिन के एक ओपीडी में 118 मरीज पहुंचे, जिनमें 20 से अधिक मरीज उल्टी दस्त के थे। उल्टी दस्त के मरीजों को कुछ समय के लिए भर्ती भी करना पड़ रहा है। इस मौसम में तेज धूप या खान पान में लापरवाही होने पर तबीयत खराब हो रही है। लोगों को तल्ख मौसम में सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

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तप रहे थे बच्चे, बदला विद्यालय का समय
अप्रैल में तेज गर्मी पड़ने के कारण सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक पढ़ाई के दौरान स्कूली बच्चे धूप में तप रहे थे। तपती बसों में बच्चे बीमार भी पड़ने लगे थे। जिलाधिकारी संजीव रंजन ने मंगलवार को कक्षा आठ के विद्यालयों का समय सुबह 7.30 से दोपहर 12.30 बजे तक संचालित करने का आदेश दिया। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी है कि आदेश का उल्लंघन करने वाले विद्यालय संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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