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बसडिला हत्याकांड : नशेड़ियों का अड्डा है पुलिया, इनमें से ही कोई कातिल तो नहीं

सिद्धार्थनगर। खेसरहा थाना क्षेत्र के बसडिला गांव निवासी कुसुम की मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस अभी तक उलझी है। वारदात को अंजाम देने वाला कौन हो सकता है, अभी तक पुलिस इसका जवाब नहीं मिला है। वहीं, गांव के लोग बता रहे हैं कि जहां कुसुम का शव मिला, उस पुलिया के नीचे हर रोज शाम के बाद नशेड़ियों का अड्डा जमता है। गांव वालों का कहना है कि इस बात की आशंका ज्यादा है कि उस दिन आंधी-बारिश से बचने के लिए कुसुम पुलिया के नीचे गई हो जहां उसे मौत के घट उतार दिया गया हो।

क्षेत्र के बसडिला गांव निवासी रामदेव की 45 वर्षीय बेटी पिछले 15 सालों से मायके में ही रह रही थी। उसकी दो बार शादी हुई और दोनों पतियों की मौत होने के बाद से वह मायके में आकर रहने लगी थी। सोमवार को वह बगल के ही निहठा गांव के सिवान में गेहूं की बाली बीनने के लिए गई थी। मंगलवार सुबह निहठा गांव के सिवान में स्थित पुलिया के नीचे उसका शव पाया गया था। देखने में प्रतीत हो रहा था कि सिर के अगले हिस्से और चेहरे पर किसी ने अनगिनत प्रहार करके चोट पहुंचाई है, जिससे उसकी मौत हो गई है। हत्या करने वाला कौन था और क्यों किया, इस बात की चर्चा गांव में हो रही है। लोग यह समझ ही नहीं पा रहे हैं कि कुसुम को किसने और क्यों मार दिया। मृतका के पिता रामदेव ने कहा कि उसका गांव में किसी कोई अदावत नहीं है। मेहनत मजदूरी करने किसी तरह से हम लोग बसर करते हैं। हमारी किसी से कौन दुश्मनी थी। बेटी की हत्या पर आश्चर्य है, हम समझ नहीं पा रहे हैं। मामले की निष्पक्ष जांच हो हम यही चाहते हैं। पड़ोसी बिमलेश साहनी कहते हैं कि इस कांड के बाद से हम लोग खुद परेशान हैं। समझ में नहीं आ रहा है कि किसने यह किया। क्योंकि दो पतियों की मौत के बाद कुसुम काफी गुमसुम रहती थी। किसी से कोई बहुत मतलब नहीं था। कभी किसी से झगड़ती भी नहीं थी, किसने और क्यों ऐसा कर दिया, यह सोचकर हैरानी है। वहीं, प्रधान प्रतिनिधि श्रीचंद चौबे ने कहा कि कुसुम की मौत का सभी का दुख है।

आसपास का हो सकता है कातिल
सूत्रों के अनुसार जिस पुलिया के नीचे कुसुम की लाश मिली है। वहीं पास में ही गेहूं के खेत में उसे बाली बीनते हुए भैंस चराने वालों ने देखा था। बारिश और आंधी को देखते हुए उसे घर जाने के लिए कहा था। लेकिन, वहां से वह घर नहीं गई थी। आंधी बारिश में अकसर लोग पुलिया के नीचे छिपने के लिए चले जाते हैं। नशा करने वालों का भी पुलिया एक तरह से अड्डा ही है। ऐसे में हो सकता है कि बारिश से बचने के लिए कुसुम भागकर पुलिया के नीचे गई हो। जहां पहले से एक या दोनों मौजूद रहे हों। जहां उसका पहुंचना बुरा लगा हो या फिर उसके साथ कुछ गलत करने की कोशिश किए हों और विरोध पर ईंट से वार करके हत्या कर दी हो। आंधी और बारिश के वक्त उधर से गुजरने वालों के बारे में जानकारी ली जाए तो तस्वीर साफ हो जाएगी की कातिल कौन है। कारण गुजरने वाले किसी न किसी व्यक्ति की नजर जरूर उस ओर गई ही होगी।

पुलिस टीम मामले की छानबीन में लगी हुई है। हर बिंदु की जांच की जा रही है। हर तरह से इस कांड को देखा जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही पुलिस को सफलता मिल जाएगी।

– देवी गुलाम, सीओ बांसी

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