भनवापुर। आम के बाग से बेहतर उत्पादन और कमाई के लिए अभी से देखभाल जरूरी है। कृषि विज्ञान केंद्र, सोहना के वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि अभी से ही आम के बौर की ठीक तरह से देखभाल के साथ समय पर कीटनाशक छिड़काव जरूरी है।
उन्होंने बताया कि बौर में दाना बनने के बाद ही छिड़काव किया जाना चाहिए और सिंचाई भी जरूरी है। इससे बढ़ते तापमान का असर कम होगा और बौर को बचाया जा सकता है। सरसों के आकार का दाना बनने लगे तो कीटनाशक एवं फफूंदी नाशक दवा का छिड़काव किया जा सकता है। जब मटर आकार का दाना पेड़ पर दिखाई देने लगे तो प्लानोफिक्स 5-6 एमएल प्रति दस लीटर पानी में मिलाकर 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव किया जा सकता है। जब फल, मटर के दाने के बराबर हो जाए तब कैल्सियम नाइट्रेट पांच ग्राम प्रति लीटर पानी में साथ, बोरान एक ग्राम और प्लोनोथिक्स नौ लीटर पानी में चार एमएल मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। इसके बाद फफूंद नाशक दवाई सलफैक्स और एनीलाक्लोराइड को मिलाकर छिड़काव करें।