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Siddharthnagar News: तिलौराकोट को विश्व धरोहरों में शामिल करवाने का नेपाल को चीन ने दिया भरोसा

कपिलवस्तु (सिद्धार्थनगर)। भारतीय सीमा से सटे नेपाली क्षेत्र में फिर चीन का प्रभाव देखने को मिला है। मंगलवार को भारतीय क्षेत्र के खुनुवां बार्डर से 12 किमी दूर नेपाल के कपिलवस्तु जिले के तिलौराकोट में चीन के राजदूत चेन सांग ने दौरा किया। चेन सांग का यह दौरा भारतीय सीमा में चर्चा का विषय बन गया है। इससे पहले भारतीय सीमा से आठ किमी दूर नेपाल के तौलिहवा क्षेत्र में चीन के निवेश से विश्व की सबसे ऊंची 245 फीट की भगवान बुद्ध की प्रतिमा बनाने का अनुबंध किया गया था।

चीनी राजदूत चेन सांग ने तिलौराकोट में उत्खनन कार्य को देखा और विकास कार्याें पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने तिलौराकोट क्षेत्र के संरक्षण और विकास के लिए नेपाल सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए प्रतिबद्धत है। जल्द से जल्द तिलौराकोट के बौद्धस्थल को विश्व धरोहरों की सूची में शामिल कराने का प्रयास करेंगे। इसके लिए यूनेस्को के साथ समन्वय स्थापित करेंगे।

चीन के राजदूत चेन सांग का आना सीमावर्ती क्षेत्रों में चर्चा का विषय बन गया है। तिलौराकोट के बौद्धस्थल में पुरातात्विक साक्ष्य के लिए उत्खनन किया जा रहा है। तिलौराकोट में ही राजा शुद्धोधन का महल बताया जाता है। चीन की इसमें दिलचस्पी को संदेह से देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बहाने चीन भारतीय सीमा के पास अपना प्रभाव जमाना चाहता है।
चीन के राजदूत ने लुंबिनी होते हुए प्राचीन कपिलवस्तु पहुंचने के बाद बुद्ध स्थान तिलौराकोट का भ्रमण किया। लुंबिनी विकास निधि के उपाध्यक्ष अवधेश कुमार त्रिपाठी ने उन्हें बुद्धस्थल का महत्व, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, ऐतिहासिक साक्ष्य और अन्य मुद्दों की जानकारी दी। राजदूत ने तिलौराकोट के मुख्य महल, वामलाई मंदिर, पश्चिमी और पूर्वी द्वार क्षेत्र का भी दौरा किया।
आते रहने का दिया भरोसा
यात्रा के दौरान चीन के राजदूत चेन सांग ने कहा कि इस पवित्र स्थान का दौरा करके उन्हें गर्व की अनुभूति हुई। भविष्य में फिर से इस स्थान का दौरा करेंगे। तिलौराकोट पैलेस को बेहतर ढंग से संरक्षित किया जा रहा है। दुनिया भर से चीनी तीर्थयात्री और आगंतुक विश्व शांति और समृद्धि के लिए पूजा और प्रार्थना करने के लिए इस स्थान पर आते रहेंगे। चीन के राजदूत के इस क्षेत्र में दौरे से माना जा रहा है कि वह भारत से सटे नेपाल के हर क्षेत्र में अपनी पैठ बढ़ाना चाह रहा है।