सिद्धार्थनगर। नेपाल की संसद में सोमवार को प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कहा है कि वह एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं। वह सबका सम्मान करते हैं। भारत दौरे के दौरान गेरूआ वस्त्र पहनकर इंदौर में पूजा करने के बाद उनसे आस्तिक या नास्तिक होने के सवाल पूछे जाने पर उन्होंने यह जवाब दिया।
प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा कि वह सभी धर्मों को समान मान्यता देने के पक्ष में हैं और राज्य को किसी भी धर्म को बंद और अन्य को दूर नहीं करना चाहिए। लोगों की धार्मिक मान्यताओं का सम्मान किया जाना चाहिए। उनका दृढ़ विश्वास है कि किसी भी धर्म या संप्रदाय के लोगों की आस्था का अपमान नहीं किया जाना चाहिए। वह बौद्धों के पास गए और वहां की आस्था और सम्मान को देखा। आपने देखा है कि टोपी पहनकर मुस्लिम समुदाय का सम्मान किया जाता है। उन्होंने कहा कि पशुपतिनाथ मंदिर की तरह उज्जैन भी दर्शनीय स्थल है और वह धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वहां गए थे।