सिद्धार्थनगर। परिषदीय शिक्षकों के स्थानांतरण की सूची 26 जून को जारी हुई है। जिसमें 614 शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ है लेकिन सिद्धार्थनगर जनपद से किसी भी दिव्यांग पुरुष शिक्षक का स्थानांतरण नहीं हुआ है। गृह जनपद स्थानांतरण न होने से दिव्यांग शिक्षकों में निराश व हताश हैं। एक दिव्यांग शिक्षक ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
दिव्यांग शिक्षक दीपक कुमार गुप्ता प्राथमिक विद्यालय बांसी प्रथम में तैनात हैं और वह मूलरूप से बलिया जिले के निवासी हैं। आठ वर्षो से जिले में तैनात हैं। दो बार गैर जनपद स्थानांतरण की सूची जारी हुई परंतु दोनों बार स्थानांतरण सूची में नाम ना होने से वह दुखी हैं। वह व्हीलचेयर से स्कूल पढ़ाने जाते हैं। इन्होंने एक वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व शिक्षा विभाग के अधिकारियों से न्याय की मांग किया है। इसी तरह आगरा निवासी शिक्षक मनीष कुमार बैसाखी का प्रयोग करते हैं, मथुरा जनपद के शिक्षक लाखन सिंह का एक हाथ नहीं है, हमीरपुर जिला के शिक्षक हरीश चंद्रा का दोनों पैर नहीं हैं। ऐसे तमाम शिक्षक हैं जो बीते आठ साल से जिले में तैनात हैं। नीति के अनुसार असाध्य रोगियों को 20 अंक का भारांक दिया गया जबकि दिव्यांगों को केवल 10 अंक का भारांक दिया गया। इसके अलावा अन्य मामले में भी जैसे सेवारत पति-पत्नी एवं महिला शिक्षकों को भी 10 अंक का भारांक दिये जाने के कारण शारीरिक रूप से अक्षम एवं दिव्यांग शिक्षक स्थानांतरण से वंचित रह गए हैं। दिव्यांग शिक्षकों ने सरकार से मानवीय संवेदना एवं सहानुभूति रखते हुए उनका स्थानांतरण गृह जनपद में घर के निकट विद्यालय पर करने की मांग की है।