नई दिल्ली: अब हम एक ऐसी ख़बर के बारे में आपको बताना चाहते हैं, जिसे जानकर आप भी कहेंगे कि मंगल पर सब कुशल मंगल है. कुछ तस्वीरें पृथ्वी से लगभग 21 करोड़ 10 लाख 50 हज़ार किलोमीटर दूर मंगल ग्रह से आई हैं. इन तस्वीरों में वैज्ञानिकों की तपस्या, धैर्य और एक सीख भी छिपी है, जिसके बारे में आज हम आपको बताएंगे. लेकिन सबसे पहले इन तस्वीरों के पीछे की रोचक कहानी के बारे में आपको बताते हैं.
सौर मंडल में 8 ग्रह मौजूद हैं, जिनमें मंगल ग्रह का स्थान चौथा है. वैसे तो आज से कुछ वर्षों पहले तक यही कहा जाता था कि सौर मंडल में कुल 9 ग्रह मौजूद हैं. लेकिन वर्ष 2006 में Worldwide Astronomical Union के एक विवादास्पद फैसले के बाद प्लूटो नाम के ग्रह से ये दर्जा छीन लिया गया और इस तरह ग्रहों की संख्या 8 रह गई, जिनमें मंगल, बुध यानी Mercury के बाद दूसरा सबसे छोटा ग्रह है.
साइंस की दुनिया में मंगल ग्रह को लेकर वैज्ञानिकों की दिलचस्पी कभी कम नहीं हुई और यही वजह है कि वर्ष 1960 में मंगल पर उपग्रह भेजने का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वो आज भी जारी है. दो दिन पहले अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA के एक उपग्रह ने मंगल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की.
इस दौरान तीन अद्भुत तस्वीरें देखने को मिलीं. पहली तस्वीर है, जिसमें वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर रोवर की लैंडिंग से पहले मूंगफली खा रहे हैं. इस तस्वीर की दुनियाभर में चर्चा हुई. वर्ष 1960 में NASA का Ranger मिशन 6 बार फेल हो गया था और जब सातवीं बार इस मिशन को फिर से लॉन्च किया गया तो ये सफल रहा.
कहा जाता है कि जिस समय ये मिशन सफल हुआ, तब NASA की लैब में एक वैज्ञानिक मूंगफली खा रहे थे . वैज्ञानिकों को लगा कि मूंगफली उनके लिए Fortunate है और तभी से NASA का कोई भी मिशन लॉन्च होता है तो वैज्ञानिक इसी तरह मूंगफली खाते हैं.
अब दूसरी तस्वीर की बात करते हैं. ये उस समय की है, जब NASA का रोवर मंगल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा. इस दौरान नासा की लैब में वैज्ञानिकों के चेहरे पर खुशी साफ दिखी. ये खुशी हमें सिखाती है कि अगर बिना रुके, बिना थके किसी काम को किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है. इसके लिए बस आपको धैर्य रखना होता है, जो NASA के वैज्ञानिकों ने दिखाया.
अब तीसरी तस्वीर के बारे में आपको बताते हैं. इस तस्वीर की भारत में सबसे ज़्यादा चर्चा हुई और इसकी वजह थी भारतीय महिलाओं के माथे पर रहने वाली बिन्दी. NASA की लैब में जिस महिला ने ये बिन्दी लगाई हुई थी, उनका नाम है डॉक्टर स्वाति मोहन. वो इस पूरे मिशन के Navigation and Management Operations को लीड कर रही थीं. यही नहीं मंगल ग्रह पर रोवर की लैंडिंग कराने का श्रेय उन्हें ही दिया जा रहा है.
स्वाति मोहन एक साल की थी, जब उनका परिवार भारत से अमेरिका चला गया. हालांकि वो भारतीय संस्कृति को कभी नहीं भूलीं. आज भी स्वाति मोहन के दिल में भारत बसता है और वो अपने देश से बहुत प्यार करती हैं.