सिद्धार्थनगर। भाजपा और सपा से टिकट के दावेदार रहे कई प्रत्याशियों ने चुनावी रेस में शामिल होने के लिए निर्दल ही नामांकन दाखिल कर दिया है। इन निर्दलीयों में कई ऐसे भी है जो जातिगत एवं क्षेत्रीय समीकरण के आधार पर मतदाताओं को प्रभावित कर सकते है। ऐसे में नगर निकाय चुनाव में खुद को मजबूत मान रहे पार्टी प्रत्याशियों के लिए यह निर्दलीय सिरदर्द साबित होने जा रहे है।
नगर पालिका सिद्धार्थनगर से भाजपा और सपा से टिकट की दावेदारी कर रहे दो पूर्व अध्यक्ष समेत 13 प्रत्याशियों ने निर्दल नामांकन किया है। नगर पंचायत भारतभारी में सर्वाधिक 15 निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है। साथ ही इटवा, बिस्कोहर, बढ़नी, कपिलवस्तु, डुमरियागंज व बढ़नीचाफा में भी निर्दलीयों की अच्छी खासी तादाद है। सबसे कम बांसी में मात्र एक निर्दल प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। सियासी जानकारों की मानें तो यह निर्दलीय इन निकायों के चुनावी समीकरण बदल देंगे। शहर की चुनावी बिसात पर नजर दौड़ाएं तो चुनावी जंग में उतरे दो पूर्व अध्यक्षों समेत तीन अन्य निर्दलीय चुनावी समीकरण में जीत हासिल करने के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे है। कुछ ऐसा ही हाल बिस्कोहर एवं इटवा नगर पंचायतों का भी है जहां निर्दल प्रत्याशी खुद को पार्टी उम्मीदवारों से बेहतर बताते हुए चुनाव में जीत का दावा करते दिख रहे है। राजनीति जानकारों का कहना है कि जीत हार तो जनता के मतदान पर निर्भर है, लेकिन निकायों के चुनाव में उतरे कई निर्दलीय ऐसे है जो पार्टी प्रत्याशियों के समीकरण बिगाड़ देंगे।
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नाम वापसी को शुरू हुई मनुहार
नामांकन पत्रों की जांच के बाद 27 अपैल को नाम वापसी होना है, जिसके बाद 28 अप्रैल को चुनाव चिन्ह आवंटित हो जाएगा। जिले के कई निकायों में चुनाव में उतरे करीबी अथवा खेल बिगाड़ने वाले प्रत्याशियों के नाम वापसी के लिए पार्टी प्रत्याशी पूरा जोर लगा रहे है। चुनाव में खेल बिगाड़ने का माद्दा रखने वाले प्रत्याशियों के घर पर सुबह शाम के साथ ही देर रात तक मनुहार करने के लिए दस्तक दिया जा रहा है।