सिद्धार्थनगर। जिले में बुधवार को लगातार नौवें दिन आग ने कहर बरपाया। शोहरतगढ़ के पकड़ी बाजार में 100 बीघा, उसका में 70 बीघा, डुमरियागंज में 30 बीघा और बांसी के घोसियारी में छह बीघा फसल जल गई। ये सभी खेत 50 से अधिक गांवों में फैले हैं। शोहरतगढ़ में नहर के किनारे आग लगी थी, लेकिन नहर सूखी थी। इस वजह से आग बुझाने में मदद नहीं मिली। पंपसेट के सहारे आग पर काबू पाया गया।
पकड़ी बाजार प्रतिनिधि के अनुसार, शोहरतगढ तहसील क्षेत्र के खरगवार, डफरा और परिगवा सिवान के खेत में बिजली के तार की चिंगारी से आग लगी। सूचना के 1:30 घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची। तेज हवा की वजह से आग फैलती गई। आग बुझने तक बड़ा नुकसान हो गया। डफरा गांव के विष्णु त्रिपाठी, रामसमुझ, दिनेश ने सुबह 8:50 बजे आग लगने की सूचना मोबाइल फोन से फायर ब्रिगेड को दी। पंपसेट को चालू कर और पेड़ों की टहनियों को तोड़कर आग बुझाने के प्रयास में लग गए। डबरा के चिन्नी लाल, तारकेश्वर त्रिपाठी, तीरथ यादव, तिलक राम यादव, बृजमोहन, खरगवार के योगेन्द्र नाथ उपाध्याय, बसराज, डंफरा के कृष्णदीपक त्रिपाठी, ह्रदयनरायन खरगवार, मुन्नी लाल, राघवेन्द्र उपाध्याय, पिंगल यादव, नरेंद्र नागेन्द्र, लोटन के सुल्लुर गुप्ता, गौरीश उपाध्याय, प्रशांत उपाध्याय, राम अचल, बजरंगी, प्रदुम्न विसनाथ साहनी परिवार, विसनु, रामनारायन परिवार, मुन्नु आदि किसानों के मुताबिक इन तीनों सिवान के खेत में खड़ी गेहूं के 100 बीघा की फसल जल कर राख हो गई। एसडीएम शोहरतगढ प्रदीपकुमार यादव व थानाध्यक्ष पंकज कुमार पांडेय ने भी घटना स्थल पर पहुंच कर फसल के नुकसान का जायजा लिया।
भनवापुर प्रतिनिधि के अनुसार, डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के चौखड़ा गांव के पश्चिम सीवान में करीब 10 बजे बिजली के खंभे से लटके तार में स्पार्किंग हुई। चिंगारी ने किसानों की 30 बीघा गेहूं की फसल जल गई। गांव वालों के प्रयास से आग को बुझाया गया। फायर ब्रिगेड की गाड़ी आग बुझने के बाद पंहुची।
अगलगी की इस घटना में चौखड़ा गांव के अखिलेश यादव की 11 बीघा, जनता गुप्ता की दो बीघा, इकबाल की दो बीघा, अब्दुल गनी की एक बीघा, कल्लू यादव की तीन बीघा, फइमुल्लाह की एक बीघा समेत कई किसानों की फसल जल गई। घोसियारी प्रतिनिधि के अनुसार, खेसरहा थाना क्षेत्र के छितही में अज्ञात कारणों से लगी आग से 6 बीघा गेहूं की खड़ी फसल जलकर राख हो गई । ग्रामीणों ने फायर ब्रिगेड से संपर्क करना चाहा लेकिन संपर्क नहीं हो सका ।
घरों में नहीं जले चूल्हे
इटवा। स्थानीय तहसील क्षेत्र के ग्राम गनवरिया में सोमवार को लगी आग से दर्जनों परिवारों के समक्ष रोटी के लाले पड़ गए हैं। छोटी छोटी जोत के दर्जनों किसानों का इस आग ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। इसी गांव की नजमा के पास मात्र डेढ़ वीघा जमीन है, जिसमें उन्होंने गेहूं की खेती की थी। फसल जल गई। बोलीं- बच्चों को अब रोटी मिलना कठिन हो जाएगा। इसी गांव की तरबुन्निशा भी फसल जलने की बात पर रो पड़ीं।
नहर में पानी होता तो बच जाती फसल
पकड़ी क्षेत्र में खरगवार गांव के गौरीशंकर उपाध्याय ने कहा कि जिस समय लगी उस समय नहर में पानी नहीं था और नहर सूखी पड़ी थी। अगर नहर में पानी होता तो आग और पहले ही हम लोग बुझा लेते।
जली हुई बालियां बीनती दिखी महिलाएं
पकड़ी बाजार क्षेत्र में आग लगने से फसल जल गई तो रोते बिलखते खेतों में पहुंचीं महिलाओं ने अधजली बालियों को बीना, ताकि कुछ अनाज घर में चला जाए।
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दस दिन में जल गई 800 बीघा फसल, सिस्टम बेपरवाह
200 से अधिक किसानों का हुआ नुकसान, अब साल भर रहेगा अनाज का संकट
संवाद न्यूज एजेंसी
सिद्धार्थनगर। दस दिनों में अलग-अलग क्षेत्रों में आग लगने से 800 बीघा से अधिक गेहूं की फसल जल गई। इन घटनाओं में 200 से अधिक किसानों के अरमान जल गए, लेकिन अफसर इस तबाही से अनजान हैंं। जिनकी फसल जली है, उनके घरों में नियमित चूल्हे नहीं जल पा रहे हैं। अधिकारियों को नुकसान की जानकारी तब होगी, जब उनके पास लेखपाल की रिपोर्ट पहुंचेगी। ऐसी व्यवस्था में सभी किसानों को नुकसान का मुआवजा मिल पाएगा या नहीं, इस पर भी संशय है।
इस तबाही में फायर ब्रिगेड का समय पर न पहुंचना बड़ी वजह है। नहरों में पानी की कमी भी आग की लपटों पर भारी पड़ी। सर्वाधिक नुकसान बिजली के तारों से हुआ। बिजली महकमा के अधिकारियों को भी इस नुकसान की मुकम्मल खबर नहीं है। मंडी समिति के सचिव विजय सेन सिंह ने बताया कि ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर किसानों को आग से नुकसान का ऑनलाइन आवेदन करना होगा। उसके बाद राजस्व विभाग की रिपोर्ट लगेगी। फिर मुआवजा दिया जाएगा। 2.5 एकड़ की फसल पर 30 हजार, 2.5 से 5 एकड़ फसल पर 40 हजार और पांच एकड़ से अधिक फसल पर अधिकतम 50 हजार रुपये मुआवजा देने का नियम है।
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छह दिनों में लगी आग
28 फरवरी को खेसरहा थाना क्षेत्र के अंवारी गांव के सिवान में कंबाइन मशीन से निकली चिंगारी से दो बीघा फसल जल गई।
दो अप्रैल को लोटन के महदेइया और विदाइया गांव में बिजली का तार टूटकर गिरने से गेहूं की 15 बीघा फसल नष्ट हो गई।
दो अप्रैल को मल्पारे गांव में 50 बीघा से अधिक फसल जलकर नष्ट हो गई।
तीन अप्रैल को इटवा में 250 बीघा और शोहरतगढ़ में 100 बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई। मौके पर फॉयर विभाग से मदद नहीं मिली।
चार अप्रैल को इटवा में 200 बीघा फसल जल गई। यहां भी किसानों ने फायर ब्रिगेड पर आक्रोश व्यक्त किया।
पांच अप्रैल को उसका में 70 बीघा, शोहरतगढ़ के पकड़ी बाजार के 100 बीघा, डुमरियागंज में 30 बीघा और घोसियारी में छह बीघा फसल जल गई।
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वर्जन
कितनी फसल जली है, इसका आंकड़े मेरे पास नहीं आया है। आपदा विभाग ने नुकसान की रिपोर्ट बनी होगी। तहसीलों की रिपोर्ट के अनुसार मंडी परिषद से मुआवजा दिया जाएगा।
उमाशंकर, एडीएम
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फसल जलने की रिपोर्ट मेरे यहां नहीं आती है। इटवा में बिजली से आग नहीं लगी थी, क्योंकि उस समय बिजली काट दी गई थी। राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मुआवजा दिया जाता है।
एसके पासवान, अधीक्षण अभियंता