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Siddharthnagar News: चार स्थानों पर जल गई 350 बीघा फसल

खेसरहा, उसका, बढ़नी, बर्डपुर व घोसियारी क्षेत्र में जलकर राख हुई गेहूं फसल

हवा में धधकती आग से भस्म होती रही फसल और उपलब्ध नहीं था आग बुझाने वाला वाहन
संवाद न्यूज एजेंसी
सिद्धार्थनगर। जिले में चहुंओर गेहूं फसल में अगलगी की घटना से किसान तबाह रहे। आग से खेसरहा, उसका, बढ़नी, बर्डपुर व पथरा क्षेत्र में सैंकड़ों बीघा फसल जलकर नष्ट हो गई। सूचना के बाद भी फायर ब्रिगेड की गाड़ी देर से पहुंची। परेशान किसान बहुत मशक्कत के बाद आग पर काबू पा सके। घोसियारी प्रतिनिधि के अनुसार खेसरहा के पाला गांव में कंबाइन से गेहूं की कटाई करते समय अचानक खड़ी फसल में आग लग गई और 50 बीघा फसल जल गई। मकनाखोर निवासी रूद्रेश कुमार मिश्रा ने फायर ब्रिगेड की मदद लेना चाहा लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।उन्होंने डायल 112 पर भी संपर्क किया लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने घंटों कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग से प्रियांशु दुबे, जोगिंदर दुबे, श्रवण कुमार यादव, सूर्य लाल चौधरी, देवेंद्र यादव और रूद्रेश कुमार की फसल जलकर राख हो गई। बर्डपुर प्रतिनिधि के अनुसार सिद्धार्थनगर थाना क्षेत्र के बर्डपुर नंबर 14 के सिवान में आग लगने से सौ बीघा गेंहू की फसल जलकर राख हो गई। बर्डपुर नंबर 11 के कंचनपुर, सोनपुर, पिछौरा व बर्डपुर नंबर 14 का निश्चितपुर के सिवान में गेंहू की फसल नष्ट हुई है। कंचनपुर-सोनपुर निवासी ऐस मोहम्मद का 11 बीघा, अतीकुर्रहमान का 18 बीघा, जुबैर का 11 बीघा, एहसान, जमील व मुमताज का आठ-आठ बीघा, इंद्रावती व अजीम का तीन-तीन बीघा फसल जलकर राख हो गई। मौके पर पहुंचे एसडीएम ललित कुमार मिश्र ने हल्का लेखपाल राजेश चाहर ने नुकसान का जायजा लिया। सकारपार प्रतिनिधि के अनुसार खेसरहा क्षेत्र के महुई नानकार में बृहस्पतिवार शाम चार बजे अज्ञात कारणों से गेहूं फसल में आग लग गयी । जिससे लगभग 20 बीघा फसल जलकर राख हो गई। गांव के राम सरन ने फायर ब्रिगेड को कॉल किया तो पता चला वह नौगढ़ में है। ग्रामीणों के अथक प्रयास से आग पर काबू पाया गया। आग बुझने तक फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर नहीं पहुंची। पुलिस एवं ग्रामीणों ने ट्रैक्टर से जुताई करवा एवं आग पर मिट्टी डाल काबू पाया। गांव के अहमद हुसैन, भगवान दास, हनुमान दास, परमेश्वर, सुरेश, अखिलेश, हमीद, जोखन, जगदीश, राम शुभम, दादुल, राजकुमार व बेचन की फसल जलकर राख हो गयी।

आग बुझाने में झुलसा किसान का हाथ
बढ़नी। ब्लॉक के ग्राम जमधरा के सिवान में आग लगने से सौ बीघा गेहूं जलकर नष्ट हो गया। किसानों के प्रयास से आग पर काबू पाया गया। आग बुझाने के दौरान गांव के हीरालाल का हाथ झुलस गया। सूचना के डेढ़ घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची। खंड विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि आग से ग्राम खुरहुरिया तथा ग्राम जमधरा के 35 किसानों का लगभग 100 बीघे गेहूं का नुकसान हुआ है। किसान कपिल देव चौधरी, रामगोपाल चौधरी, रविंदर चौधरी, कपिलदेव चौधरी, संजय सेवक राम की फसल नष्ट हो गई। गांव के अनुज चौधरी, अवधेश, अमित, राम सिंह ने कहा कि अगर आसपास फायर स्टेशन होता तो आग लगने पर तुरंत काबू पाया जा सकता, जिससे किसानों का ज्यादा नुकसान नहीं होता।

सामूहिक प्रयास से टल गया बड़ा हादसा
पथरा। स्थानीय क्षेत्र सेहरी कस्बे से सटे विक्की मिश्रा के गेहूं के खेत में बृहस्पतिवार दोपहर अज्ञात कारणों से आग लग गई। हल्ला सुनकर आस पास के काफी लोग इकट्ठा होकर आग बुझाने में जुट गये। जिससे गेहूं लगभग 10 मंडी तक ही जला और ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया। गनीमत रही कि आग चौराहे के समीप ही लगा था जहां आग बुझाने के लिए कई लोग इकट्ठा हो गए। ग्राम पंचायत कुशभौना के टोला बुजबुजवा में लगी आग में पशु पालक रोहित का आठ ट्राली भूसा राख हो गया। गांव के गोविंद का 10 ट्राली भूसे का स्टॉक आग लगने के कारण नष्ट हो गया। रोहित ने बताया कि भूसा नष्ट होने से अब पशुओं को खाने के लिए चारे की व्यवस्था करना मुश्किल होगा।

किसानों की टूटी कमर
उसका बाजार। नगर पंचायत के परसा बुजुर्ग में बुधवार को लगी भीषण अग्निकांड ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। इस आगलगी में 41 किसानों की फसल के साथ-साथ अरमान भी जलकर राख हो गए। अपनी आंखों के सामने ही तबाही देखकर किसान और उनके परिवार की आंख आंसुओं से भरे रह रहे हैं। इससे किसी का इलाज रुका तो किसी के सामने खाने का संकट सामने खड़ा हो गया।

फसल जलकर राख, कैसे होगा इलाज
आग की चपेट लगभग 41 किसानों के खेत आए। इसमें परसा बुजुर्ग के बजरंगी मिश्रा (52) का लगभग दो बीघा गेहूं जलकर राख हो गया है। यह एक भट्ठे पर नौकरी करते हैं, इनकी पत्नी शैल कुमारी पिछले चार साल से पक्षाघात बीमारी से जूझ रही हैं, ईलाज लखनऊ में चलता है। इनके दो बेटे, एक बेटी हैं, बेटी की शादी तय हो चुकी है। गेहूं कटने के बाद फसल बेच डॉक्टर को दिखाने लखनऊ जाना था, लेकिन आगलगी इनके ईलाज पर भी भारी पड़ गया।

खुद को नहीं हुआ नसीब, पशुओं को खिलाएंगे जला गेहूं परसा बुजुर्ग में आग लगने से जहां 60 बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई, वहीं इससे पशुओं के चारे का संकट सामने खड़ा हो गया। काश्तकार खेतों में झाड़ू लगाकर गेहूं की जली हुई बालियां बटोर रहे हैं, इससे पशुओं के लिए दाना मिल जाएगा। गांव की रंभावती अपनी बहू और पौत्र गोविंद के साथ खेत में झाड़ू लगाकर अपने पशुओं के लिए दाना इकट्ठा करते दिखे।

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