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Flood in Siddharthnagar: गांवों पर खतरा देख प्रशासन ने खुद कटवाया बांध, राप्ती व कुआनों मचा रही तबाही

Last updated on October 29, 2022

सिद्धार्थनगर। नदियों का जलस्तर कम हो रहा है, लेकिन बांध की दूसरी ओर लगा बाढ़ का पानी घटने का नाम नहीं ले रहा। जोगिया ब्लाक क्षेत्र की स्थिति दिन पर दिन खराब होने लगी है। कुछ ही दिनों में कटने के लिए तैयार फसल पांच दिनों से डूबी है। प्रशासन ने इससे निजाद पाने के लिए बांध को काटने का निर्णय लिया। मंगलवार को दिनभर बांध काट कर पानी निकालने की कवायद चलती रही। महुआ गांव में विरोध के बाद अधिकारियों को वापस लौटना पड़ा। शाम करीब साढ़े छह बजे लखनापार-बैदोला बांध पर हरैया गांव के पास बांध काटा। इससे करीब 50 से अधिक गांवों के पानी निकलने की संभावना है।

दिन भर की मशक्कत के बाद प्रशासन ने काटा बांध

एसडीएम सदर प्रदीप कुमार यादव व अधिशासी अभियंता ड्रेनेज आरके नेहरा के नेतृत्व में राजस्व, सिंचाई विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम महुआ गांव पहुंची। जेसीबी को आता देख ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। अधिकारियों ने समझाने की कोशिश करते हुए बताया कि पांच दिन से बाढ़ का पानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर बह रहा है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वाहनों का आवागमन बंद है। प्रभावित गांव के लोग नाव के सहारे जीवनयापन कर रहे हैं। बूढ़ी राप्ती नदी का पानी कम हो रहा है लेकिन नकाही के पास बांध कटने से जोगिया कस्बा समेत आसपास के क्षेत्र में पांच फीट पानी बह रहा है। सहायक अभियंता ड्रेनेज वैभव पांडेय, अवर अभियंता अभिजीत सिंह, संजय कुमार के साथ तीन थाना की फोर्स मौके पर मौजूद रही।



बांध कटवाने पहुंचे एसडीएम को झेलना पड़ा विरोध

एसडीएम सदर प्रदीप कुमार यादव को मंगलवार को उस समय ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा, जब वह महुआ गांव के पास बांध कटवाने के लिए पहुंचे थे। ग्रामीण महिलाओं ने उन्हें घेर लिया था। भारी विरोध को देखते हुए वह वापस लौट गए। इंटरनेट मीडिया पर विरोध प्रदर्शन करती महिलाओं का वीडियो वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि बांध कटवाने के लिए गए एसडीएम सदर को ग्रामीण महिलाओं ने घेर लिया है। वह काफी नाराज दिखाई पड़ रही है। कुछ पुरुषों की भी आवाज सुनाई पड़ रही है, जिसमें वह एसडीएम से वहां से चले जाने के लिए कह रहे हैं। जिलाधिकारी संजीव रंजन ने बताया कि गांव में बांध कटवाने को लेकर ग्रामीणों के पक्ष थे। एक पक्ष बांध कटवाने की बात कर रहा था तो दूसरा पक्ष उसका विरोध कर रहा था। बाद में ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत किया गया।




कुआनो ने अपना दायरा बढ़ाया, आवागमन ठप

राप्ती नदी में आई बाढ़ से डुमरियागंज क्षेत्र के कई गांव टापू बन गए तो वही फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। अब कुआनो नदी भी जलस्तर में बढ़त के साथ अपना पांव पसार रही हैं। थाना क्षेत्र के बायताल के पास चन्द्रदीप घाट स्थित कुआनो नदी में पिछले तीन दिनों से बाढ़ का पानी बढ़ता जा रहा है। जिससे डुमरियागंज-चन्द्रदीप घाट मार्ग के मौलाना आजाद पीजी कालेज बायताल के पास करीब दो फीट पानी आ गया है, और आवागमन बंद हो गया। मोटरसाइकिल चालक अपनी मोटरसाइकिल ले जाने के लिए बग्गी पर लादकर पचास रुपये किराया तो वहीं प्रति सवारी 15-20 रुपये वहन करने को मजबूर हैं।

 

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