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मथुरा14 मिनट पहले
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श्रद्धालुओं ने कंपनी मालिक व कंपनी पर केस दर्ज कराने के लिए तहरीर दी। पुलिस ने जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
- साधु संतों और ब्रजवासियों ने कंपनी को विज्ञापन बन्द करने की दी चेतावनी, प्रशासन से कार्रवाई की मांग की
- मान्यता- इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को एक अंगुली पर उठा लिया था
मथुरा में करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र गिरिराज पर्वत (गोवर्द्धन पर्वत) की शिलाओं को ऑनलाइन बेचा जा रहा है। यह बिक्री एक कंपनी लक्ष्मी डिवाइन आर्टिकल स्टोर्स कर रही है। इस संस्था ने ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी इंडिया मार्ट चेन्नई पर बकायदा विज्ञापन भी डाला गया है। शिला की कीमत पांच हजार रुपए रखी है। जिस पर कंपनी ने नेचुरल गिरी गोवर्धन शिला गोवर्धन स्टोन गिरिराज कृष्ण शिला लिखा है। वहीं, गिरिराज शिला का एक फोटो भी लगाया है और उसकी कीमत 5,175 रुपए रखी है।
तलहटी से शिला को बाहर ले जाना मना
सोमवार को जब यह विज्ञापन सोशल मीडिया पर साधु-संतों और ब्रजवासियों ने देखा तो उनमें आक्रोश पनपने लगा। श्रद्धालुओं व संतों ने थाना गोवर्धन का घेराव कर हंगामा किया। आस्था से खिलवाड़ बताते हुए कंपनी मालिक और कंपनी के खिलाफ तहरीर देकर गिरफ्तारी की मांग की है। परिक्रमा में रह रहे दीनबंधु दास महाराज ने बताया कि गिरिराज जी महाराज हम सभी साधु संतों और ब्रजवासियों के इष्ट हैं। धार्मिक ग्रन्थों में लिखा हुआ है कि गिरिराज जी की शिला को गिरिराज तलहटी से बाहर ले जाना निषिद्ध है।
लोगों ने कहा कि जिस तरीके से सोशल साइट पर धार्मिक भावनाओं को आहत करते हुए गोवर्धन पर्वत को बेचे जाने की कोशिश की जा रही है और गोवर्धन शिला की कीमत लगाकर उसे खुलेआम बेचा जा रहा है ऐसे लोग हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहे हैं। सरकार को इस ओर कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।

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भगवान श्रीकृष्ण ने एक अंगुली पर उठाया था गिरिराज
गोवर्धन गिरिराज पर्वत से लाखों-करोड़ों हिंदुओं की आस्था जुड़ी हुई है। यह वही गोवर्धन पर्वत है, जिसे श्रीकृष्ण ने अपनी अंगुली पर उठाकर इंद्र के प्रकोप से ब्रज वासियों की रक्षा की थी। और यह वही गोवर्धन पर्वत है, जहां दीपावली के मौके पर गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। श्रद्धालु हर महीने गोवर्धन गिरिराज महाराज की परिक्रमा कर पुण्य कमाते हैं।

गिरिराज पर्वत।