सिद्धार्थनगर। प्राथमिक स्वास्थ्य बांसी में रविवार की रात अज्ञात कारण से आग लग गई। जिससे अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गई। आग का कहर सवा दो घंटे जारी रहा। फायर बिग्रेड की मदद से आग पर काबू पाया गया। इस आग लगने की घटना में कमरे में रखा स्वास्थ्य उपकरण, पत्रावली व फर्नीचर आदि जलकर राख हो गया। इमरजेंसी तक आग पहुंचने से पहले मरीज और तीमारदारों को बाहर निकाल लिया गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व बांसी विधायक जयप्रताप सिंह और सीएमओ बीके अग्रवाल अस्पताल पहुंचे और निरीक्षण किया।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बांसी में रविवार की रात लगभग 11:45 बजे अस्पताल के कार्यालय से धुआं और आग की लपटें निकलती हुई दिखाई दीं। जो तेजी से अन्य कमरों की ओर फैल रही थीं एवं पूरे अस्पताल में धुआं फैल गया था। रात्रिकालीन इमरजेंसी ड्यूटी पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ सबसे पहले अस्पताल में मौजूद मरीज व तीमारदारों बाहर निकाला। इसके बाद भाग कर बिजली के बोर्ड के पास पहुंच कर सभी स्विच को बंद किया। उसके बाद उन्होंने आग पर काबू पाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ बालू फेंकना शुरू किया और इसी बीच फायर ब्रिगेड को सूचना दी। फायर ब्रिगेड के पहुंचने के बाद रात दो बजे पूरी तरह से आग पर काबू पाया गया। सवा दो घंटे आग का तांडव जारी रहा। आग की लपटों से दरवाजे, खिड़कियां एवं फाल्स सीलिंग पूर्ण रूप से जल गए हैं। शीशे टूट गए हैं, फर्श की टाइल्स टूट गई है। अंदर कार्यालय के फर्नीचर, दो मेज, आठ कुर्सी, दो स्टूल, एक बेड, एसी, एक स्टेबलाइजर, कंप्यूटर सेट, प्रिंटर सेट, आलमारी दो, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दो, तथा कार्यालय के अभिलेख जिसमें ओपीडी मेडिको लीगल से संबंधित समस्त अभिलेख, एनएचएम, आरकेएस जेसी से संबंधित अभिलेख। वित्तीय खातों से संबंधित अभिलेख, डेथ स्टॉक बुक, स्टॉक बुक, आयुष्मान भारत एवं कोविड से संबंधित अभिलेख सहित डॉ. ओमकार जायसवाल का मोबाइल फोन एवं रखे समान अन्य पत्रावली जलकर राख हो गए। घटनास्थल की सूचना मिलने पर सोमवार की सुबह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व बांसी विधायक जय प्रताप सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीके अग्रवाल ने अस्पताल पहुंचकर आग लगने की घटना का जायजा लिया।