सिद्धार्थनगर। माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज से संबंध जिला अस्पताल में जल्द ही आईसीयू की सुविधा शुरू हो जाएगी। इसकी कवायद शुरू हो गई है। भवन का कार्य अंतिम दौर में है। वार्ड बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा। आईसीयू वार्ड बनने से जिले के गंभीर मरीजों को फायदा होगा। देश के अति पिछड़े जनपद की श्रेणी में शामिल सिद्धार्थनगर में स्वास्थ्य सेवाएं अभी भी न के बराबर हैं। 29 लाख की आबादी के इलाज को बोझ उठाने वाले जिला अस्पताल में आईसीयू तक की सुविधा नहीं है। ऐसे में हादसे और अन्य बीमारी के शिकार गंभीर रोगियों को प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है।
अस्पताल के आंकड़ों पर गौर करें तो 24 घंटे में 10 ऐसे मरीज आ जाते हैं, जिनका इलाज तो डॉक्टरों के वस में होता है, लेकिन आईसीयू में रखने की सुविधा न होने के कारण विवश होकर उन्हें रेफर कर देते हैं। अब जल्द ही यह समस्या दूर होने वाली है। जिला अस्पताल के माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज से संबंध होने के बाद सुविधाएं मेडिकल कॉलेज की तरह से बढ़ाई जा रही हैं।
इसी क्रम में अस्पताल के नए भवन में आईसीयू वार्ड बनाने की कवायद शुरू हुई है। इस संबंध में कार्रवाई हो चुका है। इसके बाद वार्ड बनाने का कार्य किया जाएगा।
अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ देते हैं मरीज
जिले में आए दिन सड़क हादसे होते हैं। इसके साथ हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज, लकवा सहित अन्य गंभीर रोगी जिला अस्पताल में पहुंचते हैं। अगर माह के आंकड़ों पर गौर करें तो इनकी संख्या 300 से अधिक है। इसमें कई मरीज रेफर होने के बाद मेडिकल कॉलेज गोरखपुर, लखनऊ और अन्य बड़े अस्पतालों में पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। इसके पीछे मुख्य वजह दो से तीन घंटे इलाज में देरी होती है।
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आईसीयू वार्ड बनाने के लिए कार्य प्रगति पर है। शासन की ओर से वार्ड बनाने की स्वीकृति मिली है। मेडिकल कॉलेज के नए भवन में वार्ड बनाया जाएगा। इस संबंध कागजी कार्य पूरा किया जा रहा है।
– डॉ. एके झा, प्राचार्य माधव प्रसाद त्रिपाठी, मेडिकल कॉलेज, सिद्धार्थनगर