वैसे तो किसी ने कहा है कि, नाम में क्या रखा है? लेकिन अब मध्यप्रदेश भी अपने पड़ोसी राज्य यूपी की तर्ज पर अब चल चुका है। क्योंकि, जबसे सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम करने का ऐलान किया है, तबसे राज्य में कई अन्य इस्नामिक नाम वाले शहरों के नाम भी बदलने की मांग उठने लगी है। वहीं, विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने इस पर कहा है कि, यह सरकार एक विशेष समुदाय को टारगेट कर रही है।
आपको बता दें कि, हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा जयंती के मौके पर होशंगाबाद का नाम बदलकर ‘नर्मदापुरम’ करने का ऐलान किया था, लेकिन अब कहा जा रहा है कि इसी तर्ज पर सिलसिला आगे बढ़ाया जाए। इससे पहले भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा ने यह मांग उठाई थी कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के नाम के ऊपर रख दिया जाए। तो वहीं, होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम करने के ऐलान पर पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने सी.एम. को बधाई देते हुए कहा था कि, आपका आभार रहेगा साथ ही हमें विदेशी आक्रान्ताओं के अत्याचारों के चिन्ह स्वतंत्र भारत में मिटाने /ही होंगे, इसलिए यह सिलसिला आगे बढ़ाना ही चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने इस फैसले पर मालवीय नगर स्थित आवास पर तमाम कार्यकर्ताओं के साथ एकत्र होकर जमकर जश्न मनाया और आतिशबाजी की।
आपको बता दें कि रामेश्वर शर्मा ने इससे पहले होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम किए जाने का मुद्दा उठाया था। जबकि वह राजधानी भोपाल में ईदगाह हिल्स का नाम बदलकर गुरु नानक टेकरी किए जाने की भी मांग उठा चुके हैं।