सिद्धार्थनगर। महानगरों में कोरोना का संक्रमण के एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है। कोरोना संक्रमितों की बढ़ती हुई संख्या यहां भी संकट बन सकती है। क्योंकि यहां के लोग बड़ी संख्या में मुंबई सहित अन्य महानगरों रहते हैं। वह लग्न और फसल की कटाई के समय पर घर आते हैं। न कोई एहतियात बरत रहा है और न ही कोई कार्रवाई हो रही है। ऐसे में एक बार फिर संकट मंडराता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में अगर सावधानी नहीं बरती गई तो स्थिति के बिगड़ने से इनकार नहीं किया सकता है।
उpद्योग का जिले में कोई बड़ा केंद्र न होने के कारण बड़ी संख्या में रोजगार के सिलसिले में मुंबई, गुजरात, दिल्ली, पुणे में लोग रहते हैं। बीते वर्ष मार्च माह के आखिरी सप्ताह में कोरोना का कहर शुरू हुआ था। इसके बाद लोग घरों की ओर रुख करने लगे। वहां से उनके आने के बाद संकट गहरा गया और एकाएक कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ गई थी।
हाल यह हुआ कि प्रतिदिन 50 से अधिक संक्रमित पाए जाने लगे। हालांकि पिछले एक माह से एक भी संक्रमित नहीं मिला है। संकट तो टला नहीं, लेकिन कष्ट के दिन लोग भूल चुके हैं। 80 प्रतिशत से अधिक आबादी न तो मास्क लगा रही है और न ही सैनिटाइजर का प्रयोग कर रही हैं। लोग बेधड़क बगैर मास्क के घूम रहे हैं।
बाजार, अस्पताल और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जाने के बाद भी लोग मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। क्योंकि महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। ऐसे में अगर वहां से लोग आते हैं और एहतियात नहीं बरत रहे हैं तो संक्रमित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। सीएमओ डॉ. इंद्रविजय विश्वकर्मा ने बताया कि पिछले एक माह से जिले में एक भी संक्रमित नहीं मिले हैं। बाहर से आने वालों पर नजर रखी जा रही है। उनके सैंपल लिया जाएगा, रिपोर्ट आने तक निगरानी की जाएगी।