सिद्धार्थनगर जिले के लाल पवन तिवारी ने बालीवुड में अभिनय के जरिये डंका बजाया है। करियर में कई उतार- चढ़ाव के बावजूद भी आज उनकी गिनती सफल कलाकारों में होती है। वह कई फिल्मों में अभिनेता की भूमिका निभा चुके हैं। जलसा पिक्चर्स नाम की कंपनी भी बनाई है। इसी बैनर तले दोखज इन सर्च आफ हेवेन फिल्म में प्रोड्यूसर की भूमिका निभा चुके हैं। इस बैनर तले तीन फिल्में बन चुकी हैं।
सांसद बृजभूषण तिवारी के पुत्र हैं पवन
जिले के जमुनी गांव के निवासी राजनैतिक घराने से ताल्लुक रखने वाले पवन के पिता बृजभूषण तिवारी सपा के वरिष्ठ नेता व सांसद रह चुके हैं। उनके भाई आलोक तिवारी भी राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। राजनैतिक पहुंच होने के बावजूद उन्होंने कभी भी अभिनय के क्षेत्र में परिवार की मदद नहीं ली। 2001 में दिल्ली से फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा के बाद मुंबई का रूख किया। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने एनएसडी से ग्रीष्मकालीन पाठ्यक्रमों में प्रारंभिक अभिनय सीखा। पेशेवर अभिनेता बनने से पहले कई नाटकों में अभिनय किया।
2003 में पवन गए मुंबई
अपने बचपन के सपनों को पूरा करने के लिए पवन 2003 में मुंबई गए। फिल्म इंडस्ट्री में कोई गाडफादर नहीं था। जिंदगी में तमाम उतार-चढ़ाव आए। मेहनत और अपनी प्रतिभा के दम पर उन्होंने कई टीवी सीरियलों में काम हासिल किया। दो दिल एक जान, लाइफ ओके, पिया का घर प्यारा लगे जैसे कई टीवी सीरियलों में अभिनय किया। इनमें सहारा वन पर, हांटेड नाइट्स और किस्मत और नाइन एक्स टीवी पर ब्लैक सिरीज प्रसारित हुई। उन्होंने फिल्म प्रणाली (2008) पहली बार काम किया। पवन कहते की पिताजी हमेशा कहते थे की अगर तुमको कुछ बनना है तो अपने दम पे बनो और बस ये बात जिंदगी भर के लिए बांध ली। इनकी स्कूली शिक्षा सेंट जोसेफ स्कूल बस्ती से हुई। 1998 में दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया।