रबी की फसल हो रही तैयार, अभी सर्वे में अटका है बिजली निगम, फायर सर्विस केंद्र में भी आग बुझाने की नहीं है पूरी तैयारी
संवाद न्यूज एजेंसी
सिद्धार्थनगर। यदि आप किसान हैं तो अपनी फसल की सुरक्षा के प्रति खुद ही सतर्क रहें। इस बार भी रबी की फसल की सुरक्षा के लिए न आग से बचाने के इंतजाम पूरे हुए हैं, न ही बुझाने के इंतजाम हुए हैं, जबकि पिछले साल गर्मी में 419 घटनाओं में 30 हजार हेक्टेयर फसल जल गई थी और किसान बर्बाद हो गए थे। इनमें ज्यादातर स्थानों पर बिजली की चिंगारी से आग लगी थी, इसके बावजूद भी बिजली के तार दुरुस्त नहीं हो सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में करीब चार दशक पुराने तारों से बिजली आपूर्ति दी जा रही है, जबकि इन तारों की मियाद करीब 25 साल होती है। जर्जर और ढीले तारों के कारण गर्मी में तार टूटकर गिरते हैं और फसल में आग लग जाती है। इस बार भी वही लापरवाही है। बिजली निगम में सुदृढ़ीकरण योजना के अंतर्गत खंभे, तार बदलने के लिए सर्वे कार्य जारी है, जो करीब 15 दिन बाद पूरा होगा। सर्वे के बाद ये कार्य शुरू होने हैं, जबकि इससे पहले गेहूं की फसल पककर तैयार होने वाली है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में गेहूं की फसल किसानों की संपत्ति है। जिले में पौने दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल बोई गई है, जिसे आग से बचाने के लिए इंतजाम नहीं हो सके हैं। इसी प्रकार आग लग गई तो बुझाने के इंतजाम भी पर्याप्त नहीं है। फायर सर्विस केंद्र में नौ दमकल गाड़ियों की मांग पूरी नहीं हुई, जबकि 60 से 70 किमी दूर जाकर आग बुझाने की चुनौती होती है। ऐसी स्थिति में सहज अनुमान लगा सकते हैं कि आग लगी तो किस कदर तबाही होगी।
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इस बार तो सूख रहे जलस्रोत
नौगढ़ में छह और डुमरियागंज में तीन दमकल वाहनों की जरूरत है। इनमें पांच गाड़ियां पानी की हैं, जबकि चार गाड़ियां मौके पर पानी मिलने पर कार्य करती हैं। इस बार समय से पहले गर्मी बढ़ गई तो खेत खलिहानों के आसपास के जलस्रोत सूख गए हैं। इस कारण कुछ स्थानों पर आग बुझाने में भी पानी की तलाश चुनौती होगी। हालांकि, जिन क्षेत्रों में पंपिंग सेट है, वहां पानी लेना आसान होगा।अग्निशमन अधिकारी नसरुद्दीन खान ने कहा कि जिले में फायर टेंडर की पांच बड़ी गाड़ियां और चार छोटी गाड़ियों की मांग की गई है।
गर्मी में इस कारण टूटते हैं तार
मानक से अधिक बिजली प्रवाहित होने पर तार जल्दी खराब हो जाते हैं। गर्मी में खपत के साथ तारों पर लोड बढ़ जाता है। गर्मी में लोड बढ़ता है तो तार ऊपर से गर्म रहते हैं और अंदर भी ऊष्मा प्रवाहित होती है। ऐसी स्थिति में जहां तार कमजोर होते हैं, स्पॉर्किंग होती है और तार टूटकर गिरने से आग लग जाती है। जिले में 33 हजार वोल्टेज के 41 किमी, 11 हजार वोल्टेज के 166 किमी और एलटी लाइन के 2425 किमी तार बदलने की रिपोर्ट तैयार हुई है। जिले में तार बदलने के लिए 80 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
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वर्जन–
जहां की शिकायत मिली थी, वहां के तारे कसे जा रहे हैं। तारों का बदलने के लिए सर्वें किया जा रहा है। सर्वे पूरा होते ही तार बदले जाएंगे।
एसके पासवान, अधीक्षण अभियंता, बिजली निगम