नए शिक्षा सत्र में शासन ने कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को पढ़ने के लिए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया है। कक्षा 4 से 8 तक के बच्चों के लिए पहले जैसे ही पाठ्यक्रम से पढ़ाई कराई जा रही है। इन बच्चों के लिए मार्च माह में ही पुस्तकों की उपलब्धता कर दी गई थी। जिसका वितरण स्कूलों में शुरू हो चुका है। एक अप्रैल को स्कूल खुलने के साथ ही बच्चों को अब तक प्राप्त हो चुकी पुस्तकों का वितरण कर दिया गया। लेकिन कक्षा एक से तीन तक की पुस्तकों की उपलब्धता अभी तक नहीं हो सकी है। ऐसे में बच्चों को पुरानी किताबों से ही पढ़ाया जा रहा है।
कोर्स में बदलाव और पढ़ाई में देरी से अभिभावक चिंतित
एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू कर कोर्स में बदलाव किया गया है। किताबें मिलने में भी देरी हो रही। जिसे लेकर अभिभावक चिंतित हैं। इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय बिस्कोहर, प्राथमिक विद्यालय हरिबंधनपुर व गौरा बड़हरी और कंपोजिट विद्यालय कोहडौरा में कक्षा एक, दो व कक्षा तीन में अध्ययनरत छात्रा प्रिया प्रजापति, काव्या, सलोनी, रागनी व आरुषि के पिता कुन्नु, राजीव पांडेय, सुनील वर्मा, हरीराम यादव व शिवेंद्र और छात्र गोलू, अंकित चौधरी, अरुण, शनिराम, संस्कार गुप्ता, आलोक मिश्र व विनय भारती के पिता राम गोपाल, अरविंद आदि का कहना है कि नए पाठ्यक्रम को समझने में बच्चों को अतिरिक्त मेहनत करनी होगी। किताबें देरी से मिलेंगी तो पढ़ाई और कठिन लगेगी।
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नए पाठ्यक्रम की कक्षा एक की किताब अभी नहीं आई है और कक्षा दो व तीन की किताबें आ गई है जो 6 एनपीआरसी में बंट चुकी है बाकी 8 एनपीआरसी में दो तीन दिनों के अंदर उपलब्ध करा कर बच्चों में वितरण करा दिया जाएगा।
-बीपी मिश्र, बीईओ, भनवापुर