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Siddharthnagar News: अटक रही थी सांस, सरकारी एंबुलेंस ने खड़े किए हाथ

हादसे में गंभीर युवक को ले जाना था लखनऊ, एंबुलेंस के लिए भटकते रहे परिजन

निजी एंबुलेंस ने मांगे 12 हजार रुपये, निजी अस्पताल में भर्ती कराने बनाया दबाव
सिद्धार्थनगर। माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में ट्रेन से गिरकर घायल युवक को लखनऊ ले जाने के लिए सरकारी एंबुलेंस नहीं मिली। निजी एंबुलेंस चालकों ने मरीज को लखनऊ ले जाने के लिए परिवार के लोगों से 12 हजार रुपये मांगे। उसी दौरान उन्होंने मरीज को निजी अस्पताल में ले जाने का भी दबाव बनाया। उन्हें शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हालांकि, अगले दिन ही वे मरीज को लेकर लखनऊ चले गए।
खेसरहा थाना क्षेत्र के देवगह गांव निवासी विवेक कुमार शुक्ल (20) दिल्ली जाने वाली हमसफर ट्रेन से सिद्धार्थनगर रेलवे स्टेशन से शुक्रवार को निकले थे। परिजनों के मुताबिक, गोरखपुर-गोंडा रेलखंड पर स्थित शोहरतगढ़ रेलवे स्टेशन के पास वह गंभीर रूप से चोटिल पाए गए। उन्हें माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज लाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत नाजुक होती देख डॉक्टरों ने लखनऊ मेडिकल कॉलेज ले जाने की सलाह दी। परिवार के लोग सरकारी एंबुलेंस को बुलाने लगे। पता चला कि दो एएलएस एंबुलेंस चलने लायक नहीं है, जबकि एक कहीं गई है।

ऐसे में हैरान परेशान परिजन एंबुलेंस ढूंढने लगे तो निजी एंबुलेंस वाले मिल गए। उन्होंने मरीज के परिजनों को घेर लिया और लखनऊ ले जाने के लिए 12 हजार रुपये की मांग करने लगे। परिजनों ने किराया अधिक होने की बात कही तो एंबुलेंस चालकों ने निजी अस्पताल में लेकर जाने की सलाह दी। पीड़ित के परिजनों का कहना है कि मरीज की स्थिति में सुधार होते ही वे जिलाधिकारी से शिकायत करेंगे कि अस्पताल में निजी एंबुलेंस का जमावड़ा लोगों को ठगी का शिकार बना रहा है।
अस्पताल परिसर से निजी एंबुलेंस वालों को हटाने के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा गया है। अस्पताल में पैनी नजर रखी जा रही है। दलाली करने वालों को पकड़कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. एके झा, प्रभारी प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज
मेडिकल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। जिला अस्पताल परिसर में निजी एंबुलेंस का अवैध तरीके से डेरा है तो उन्हें हटाया जाएगा। मरीजों का शोषण नहीं होना चाहिए। इस मामले में पुलिस को निर्देश देंगे।
-अमित कुमार आनंद, पुलिस अधीक्षक
अधर में अटकी ब्लड कंपोनेंट यूनिट
माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में स्थित ब्लड बैंक पर ब्लड कंपोनेंट यूनिट खोलने की कवायद दो वर्ष पहले शुरू हुई थी। यहां विशेषज्ञ फार्मासिट सहित अन्य स्टाफ मौजूद हैं। अभी तक मशीन आकर पड़ी है। कमरे का साइज छोटा होने के कारण वह लग नहीं पा रही है। ऐसे में संचालन करते होते हुए यूनिट नहीं चल पा रही है। अगर यूनिट शुरू हो जाती तो एक यूनिट ब्लड में चार प्रकार के ब्लड तैयार होते, जिससे चार मरीजों को लाभ मिलता।

मशीन आ गई, ऑपरेटर का इंतजार
सिद्धार्थनगर। अगर सीने में दर्द या फिर कोई अन्य शिकायत है और आप चाहते हैं कि माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में जांच हो जाएगी तो आपका यह सोचना गलत है। दिल से संबंधित बीमारी की जांच की सुविधा पिछले एक वर्ष से मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में ठप है। जांच के लिए सात नई ईसीजी मशीनें आई हैं। जांच करने वालों को प्रशिक्षित भी किया गया है, लेकिन ऑपरेटर के बिना मशीन का संचालन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में प्रतिदिन आने वाले 50 से अधिक मरीजों को निजी सेंटरों में जांच करवानाी पड़ रही है। एवज में उन्हें 150-250 रुपये खर्च अधिक करने पड़ रहे हैं। मशीन होते हुए भी संचालन करने वालों के न होने से मरीजों को भटकना पड़ रहा है।
सात ईसीजी मशीन आई हैं। जांच करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। ऑपरेटर के ना होने के कारण उसे चलाया नहीं जा रहा है। तकनीकी खराबी वही सही कर सकते हैं। आउटसोर्सिंग के जरिये दो ऑपरेटर के नियुक्ति की मांग की गई है। मिलते ही सेवा शुरू हो जाएगी।-
-डॉ. एके झा, प्रभारी प्राचार्य, माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज, सिद्धार्थनगर

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