सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु में 29 कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू
विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण पटलों पर जमे आउटसोर्स कर्मियों का होगा परिवर्तन
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु में अब महत्वपूर्ण विभागों का कार्य आउटसोर्स कर्मियों के भरोसे नहीं रहेगा। विश्वविद्यालय में 29 विभागीय कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई है, इनमें नौ कर्मचारियों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। विभागीय कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पटल पर कार्य करने से गोपनीयता की संभावना बढ़ जाएगी।
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय की स्थापना के सात वर्ष बाद महत्वपूर्ण पटल पर विभागीय कनिष्ठ लिपिक कार्य करेंगे। इन कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद पटल परिवर्तन शुरू होगा। नियम के अनुसार आउटसोर्स कर्मियों के भरोसे महत्वपूर्ण पटल के कार्य नहीं होने चाहिए, लेकिन विभागीय कर्मियों के अभाव में गैर विभागीय कर्मियों से कार्य लिया जाता था।
कई कर्मचारी पांच वर्ष से अधिक समय से एक ही पटल पर कार्य कर रहे हैं।विश्वविद्यालय में गोपनीय विभाग, परीक्षा विभाग, परीक्षा सामान्य विभाग, वित्त विभाग, संबद्धता विभाग एवं सक्षम अधिकारी के आदेश पर अंकपत्रों में सुधार कार्य के लिए बने परितुलन विभाग में आउटसोर्स कर्मी ही कार्य कर रहे हैं।
बांट दिया था फर्जी नियुक्ति पत्र
वर्ष 2015 में विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। वर्ष 2016 में आउटसोर्स पर नौ कर्मचारी थे। उस समय रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र बांटने का मामला सामने आया था। इस मामले में गैर विभागीय ड्राइवर की भूमिका संदिग्ध मानी गई थी। जांच हुई थी और उस समय कर्मचारी को हटा दिया, लेकिन गैर विभागीय कर्मचारी होने के कारण विभागीय कार्रवाई नहीं हो सकी।
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु में 29 कनिष्ठ लिपिकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई है। इनमें नौ कर्मचारियों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। अब विश्वविद्यालय में कार्य कराने में सुविधा होगी।
-अमरेंद्र कुमार सिंह, कुलसचिव