सिद्धार्थनगर। मौसम खुशनुमा था और बारिश के बीच गीत गाकर झकहिया गांव की महिलाएं रोपाई में जुटी थीं। आसपास के खेतों में भी मजदूर थे, लेकिन एकाएक गरज के साथ बिजली गिरी और सबकुछ गम में बदल गया। जहां गीत गाए जा रहे थे वहां भगदड़ मच गई और खामोशी छा गई। कुछ देर तक कोई करीब जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। वहीं, मौत की खबर गांव में पहुंचते ही मातम का माहौल छा गया।
कठेला समय माता क्षेत्र के झकहिया गांव महिलाएं पिछले कई दिनों से धान की रोपाई करने में जुटी थीं। सोमवार को भी वह घर से हंसी-खुशी रोपाई करने गांव के ही किसान के खेत में गईं थीं। वह गीत गाकर खेत की रोपाई कर रहीं थीं। बादल और बारिश के बीच मौसम भी सुहाना था। लेकिन गरज के साथ बिजली गिरी और राधिका की मौत हो गई। जबकि करीब होकर रोपाई करने वाली अन्य महिलाएं घायल हो गईं। गीत के बीच आकाश से गिरने वाले आफत के बाद भगदड़ मच गई। रोपाई में शामिल महिलाओं के परिजन खेतों की तरफ दौड़ने लगे। बिजली की सूचना पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। हर कोई घटना स्थल की तरफ दौड़ रहा था। गांव के लोग सभी घायलों को प्राइवेट वाहन से सीएचसी इटवा भिजवाने में लग गए। गांव के जिला पंचायत सदस्य इजहार अहमद ने बताया कि गीतों के बीच महिलाएं तेजी से रोपाई कर रहीं थीं। लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह दिन उनके लिए न भूलने वाला बनने वाला है। राधिका के दो लड़के व एक लड़की हैं। जिनका रो-रोकर बुरा हाल है।