सिद्धार्थनगर। नेपाल जाने वाले भारतीय यात्रियों के नोटों को बदलने का धंधा सीमावर्ती इलाकों में खूब फल-फूल रहा है। यात्रा के दौरान अगर आपके पास भारतीय मुद्रा है तो उसे नेपाली मुद्रा में बदलने पर ठगी के शिकार होना तय है। भारत में दो हजार के नोटों की बंदी की घोषणा के बाद नेपाल में दो सौ रुपये से बड़े भारतीय नोट प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। वहीं, नेपाल में छोटे भारतीय नोटों का प्रचलन कम होने कारण सीमावर्ती दुकानदार मुद्रा बदलने में खेल कर रहे हैं। वे नेपाल में पर्यटन के लिए जा रहे लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए भारतीय मुद्रा के सापेक्ष निर्धारित दर से कम नेपाली मुद्रा दे रहे है। इस खेल में प्रतिदिन अच्छी-खासी कमाई कर दुकानदार मालामाल हो रहे हैं।
भारत में सात वर्ष पूर्व पांच सौ व एक हजार के नोटों की बंदी के दौरान नेपाल में डंप हुई भारतीय मुद्रा भारत सरकार ने वापस नहीं ली थी। इससे नेपाल राष्ट्र बैंक में भारत में नोटबंदी के बाद एक हजार के 16552 नोट और पांच सौ के 68147 नोट मिलाकर आठ करोड़ 10 लाख भारतीय रुपये नेपाल में फंस गए थे। इधर एक बार फिर से दो हजार के नोट बंद हो गए है। भारत सरकार के नेपाल से भारतीय मुद्रा नहीं लेने के कारण दोनों देशों के रिश्ते में तनाव हो गया था। इसके बाद नेपाल सरकार ने दो सौ, पांच सौ और दो हजार के भारतीय नोट पर प्रतिबंध लगा दिया है। वर्तमान में नेपाल में सिर्फ 100, 50, 20, 10 रुपये के भारतीय नोट ही प्रचलन में है। बड़े भारतीय नोटों के प्रतिबंधित होने से नेपाल के विभिन्न स्थानों पर दुकानदार अथवा पेट्रोल पंप संचालक कोई भी भारतीय नोट लेने से कतराते है। इससे वहां भारतीय मुद्रा का अवमूल्यन तो हुआ ही, साथ ही भारतीय मुद्रा लेकर नेपाल जाने वाले पर्यटकों के मजबूरी का फायदा उठाते हुए सीमावर्ती दुकानदार मालामाल हो रहे हैं। वर्तमान में दुकानदार से सौ रुपये भारतीय मुद्रा बदलेंगे तो वह मात्र 155 या 150 रुपये नेपाली मुद्रा देंगे। जबकि भारत नेपाल संधि के अनुसार 100 रुपये भारतीय मुद्रा के एवज में 160 रुपये नेपाली मुद्रा मिलनी चाहिए।
नेपाल में घट गई है भारतीय मुद्रा की आवक
एक दशक पहले तक नेपाल से बड़ी मात्रा में बालू, गिट्टी, डस्ट आदि भारत आती थी। जिसकी कीमत के बदले भारतीय मुद्रा नेपाल जाती थी। अब इस कारोबार के बंद होने से नेपाल में भारतीय मुद्रा की आवक कम हो गई है। वर्तमान में सिर्फ पर्यटकों के आवागमन से ही वैध तरीके से भारतीय मुद्रा नेपाल जा रही है। नेपाल में भारतीय मुद्रा के अवमूल्यन के पीछे हुंडी कारोबार या सोना तस्करी मानी जा रही है।
नेपाली सोना खरीद में प्रयोग हो रहा भारतीय काला धन
भारतीय काले धन से नेपाल में सोना खरीद कर उसकी तस्करी में प्रयोग किया जा रहा है। यह इससे भी साबित होता है कि अब तक भारतीय या नेपाली मुद्रा के साथ पकड़े गए अधिकांश लोगों ने इस धन से नेपाल में सोना खरीदने जाने की बात कबूल की है। इसके पीछे काले धन को बैंक में जमा करने पर संबंधित व्यक्ति को आय का साधन तो बताना ही पड़ेगा ही साथ ही उससे जीएसटी भी वसूली जाएगी।
घाटे में भी करते हैं साेने की खरीद
नेपाल में नेपाली नोट से ही सोने की खरीद होती है, जबकि वह सोना भारत में भारतीय मुद्रा लेकर बेचा जाता है। सरकारी कार्रवाई से बचने के लिए भारतीय काला धन रखने वाले सीमावर्ती दुकानदारों से मुद्रा की अदला-बदली के दौरान घाटे का भी सौदा कर लेते हैं। इससे नेपाल सीमा में घुसते ही मिलने वाले दुकानदार प्रतिदिन अच्छी-खासी कमाई कर मालामाल हो रहे हैं।
एक वर्ष में पकड़े जा चुके हैं एक अरब भारतीय रुपये
एक वर्ष के अंदर नेपाल में महानगरीय प्रहरी पुलिस सहित विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने अलग-अलग जगहों से एक अरब से अधिक ऐसी मुद्रा बरामद की जिसका कोई भी प्रमाण पकड़े गए लोग नहीं दे
केस एक- बस से बरामद हुए एक करोड़ रुपये
एक सप्ताह पूर्व नेपाल के नाग ढुड़ंगा पुलिस ने चितवन से काठमांडू जा रही माइक्रो बस से सागर माली से 45 लाख रुपये और कृष्ण आले के पास से 50 लाख बरामद करने की कार्रवाई की थी।
केस दो-गोरखपुर निवासी से बरामद हुए रुपये
नाग ढुड़ंगा पुलिस ने ही गोरखपुर के घंटाघर निवासी अमित कुमार गुप्ता और कपिलवस्तु बाणगंगा निवासी संगम थारू को कपिलवस्तु से काठमांडू जाते हुए उनके कार के डिकी के स्पेयर टायर के नीचे काले झोले से 1.47 लाख और शरीर में फिट कर रखे 86 लाख रुपये बरामद किए थे।
केस तीन- दो किग्रा सोना हुआ बरामद