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Siddharthnagar News: नेताओं, अफसरों ने पौधरोपण कर ली फोटो, जाने के बाद सूखने लगे

सिद्धार्थनगर। जिले में 22 जुलाई को शुरू हुए पौधरोपण अभियान में जिन पौधों को लगाते हुए नेताओं, अधिकारियों ने फोटो और सेल्फी कराई, वे अखबारों में छपने और सोशल मीडिया में शेयर होते ही सूखने लगे। ऐसी स्थित में बडे़ अभियान से कितनी हरियाली बढ़ेगी, इस पर बड़ा सवाल है। अभियान के पहले दिन उत्साह इतना अधिक था कि एक दिन ही 36 लाख पौधे रोपने का दावा किया गया, लेकिन कितने पौधे पेड़ के रूप में आकार लेकर हरियाली बढ़ाने में उपयोगी होंगे, यह कह पाना मुश्किल है।

प्रदेश स्तरीय पौधरोपण अभियान में जिले में करीब 42 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिलाधिकारी संजीव रंजन ने अभियान को सफल बनाने के लिए कई बैठकें की, लेकिन पौधे लगे तो अधिकतर सिंचाई बिना सूख गए। इनमें कुछ पौघे छोटे होने के कारण सूख गए तो कुछ पौधों के पास उखड़े हुए पौधे नजर आ रहा है, क्योंकि ये पौधे पशुओं का निवाला बन गए। जुलाई में पौधरोपण के बाद मई जैसी गर्मी पड़ी तो उन विभागों के अधिकारियों ने सिंचाई कराने की जिम्मेदारी पूरी नहीं की। अधिवक्ता संजय पाठक का कहना है कि पौधे भले ही कम लगाए जाए, लेकिन जितने पौधे लगाए जाते हैं, उन्हें बचाने की पूरी कोशिश होनी चाहिए। अधिक पौधे लगाना सराहनीय है, लेकिन ये कोशिश होनी चाहिए कि अधिक से अधिक पौधे बच जाए।

इस तरह कैसे बनेगा ग्रीन बेल्ट
नगर पालिका परिषद सिद्धार्थनगर में किसी भी क्षेत्र को ग्रीन बेल्ट नहीं बनाया गया है। भीषण गर्मी में जब पारा 44 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो रहा था तो यह सवाल उठा कि शहर में ग्रीन बेल्ट नहीं है, जहां पर्याप्त हरियाली हो। यहीं कारण था कि शहर का तापमान कृषि विज्ञान केंद्र सोहना की अपेक्षा 2 से 3 डिग्री अधिक रहा और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। नगर पालिका परिषद ने सोहास पुूल के दाई ओर पिठनी पुल के पास नंदन वन के लिए पौधे लगाए हैं, जहां सिंचाई नहीं है।
जहां मंत्री ने लगाया था पौधा, वहां भी सूखे नजर आए
राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार, कारागार एवं होमगार्ड धर्मवीर प्रजापति ने तहसील परिसर नौगढ़ में पौधा लगाया गया था, लेकिन तहसील परिसर में पौधे सूखे हुए नजर आ रहे हैं। छह फीट लंबे पौधे की सुरक्षा के लिए जाली लगाई गई हैं, लेकिन सिंचाई के अभाव में पौधे ने दम तोड़ दिया। जब पौधा लगाया गया था तो सांसद जगदंबिका पाल, विधायक श्याम धनी राही, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष गोविंद माधव,जिलाधिकारी संजीव रंजन, मुख्य विकास अधिकारी जयेंद्र कुमार, डीएफओ चंद्रेश्वर सिंह मौजूद थे।
कलेक्ट्रेट में ही सूख गए पौधे
कलेक्ट्रेट में जहां लाखों पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, उसी परिसर में पौधे सूखे हुए दिखे। सूखे हुए पौधे की लंबाई मात्र ढाई फीट है। कम लंबाई के पौधे तेज धूप और गर्मी में सूख जाते हैं, जबकि बारिश में जलभराव हुआ तो पौधों की जड़ सड़ जाती है। मानक के अनुसार छह फीट लंबे पौधे लगाए जाने चाहिए, जबकि कलेक्ट्रेट में ही कम लंबाई के पौधे लगाए गए हैं।
गांवों में भी सूख गए पौधे
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घोसियारी में भी पौधे सूख गए हैं, जबकि परिसर में अधिक संख्या में पौधे नहीं लगाए गए हैं। कर्मचारियों को सिंचाई करने की जिम्मेदारी सौंपी गई होती तो ये पौधे सूखने का जोखिम कम हो जाता। बारिश नहीं हुई तो पौधों की जड़ों में पानी डालने का कार्य नहीं हुआ।
गांवों में भी सूख गए पौधे
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घोसियारी में भी पौधे सूख गए हैं, जबकि परिसर में अधिक संख्या में पौधे नहीं लगाए गए हैं। कर्मचारियों को सिंचाई करने की जिम्मेदारी सौंपी गई होती तो ये पौधे सूखने का जोखिम कम हो जाता। बारिश नहीं हुई तो पौधों की जड़ों में पानी डालने का कार्य नहीं हुआ।
गांवों में भी सूख गए पौधे
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घोसियारी में भी पौधे सूख गए हैं, जबकि परिसर में अधिक संख्या में पौधे नहीं लगाए गए हैं। कर्मचारियों को सिंचाई करने की जिम्मेदारी सौंपी गई होती तो ये पौधे सूखने का जोखिम कम हो जाता। बारिश नहीं हुई तो पौधों की जड़ों में पानी डालने का कार्य नहीं हुआ।
वर्जन
पौधरोपण अभियान में 22 जुलाई को जिले में करीब 36 लाख पौधे लगाए गए। जुलाई में बारिश नहीं होने के कारण कुछ पौधे सूखे होंगे तो बारिश होगी तो जिन गड्ढों में पौधे सूखे गए हैं, वहां फिर पौधे लगाए जाएंगे। अधिक से अधिक पौधों में पानी डालकर बचाने की कोशिश की जा रही है। बारिश के भरोसे ही जुलाई में पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन बारिश नहीं हुई। बारिश शुरू हो तो जो पौधे मुरझाए दिख रहे हैं, उनमें अधिक संख्या में पौधे हरे हो जाएंगे।
-चंद्रेश्वर सिंह, डीएफओ
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