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Siddharthnagar News: परिजन से पूछा ही नहीं, एंबुलेंस वाले ने मरीज को पहुंचा दिया निजी अस्पताल

सिद्धार्थनगर। माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में निजी एंबुलेंस माफिया की मनमानी का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित ने आरोप लगाया कि परिजन से पूछे बिना ही एंबुलेंस चालक ने मरीज को शहर के निजी अस्पताल पहुंचा दिया, जबकि डॉॅक्टर ने उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया था। मामला सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीज बेचने के धंधा से फिर परदा उठा है।

सदर थाना क्षेत्र के महादेवा बुजुर्ग निवासी शैलेष शर्मा ने बुधवार को सीएमओ को शिकायत पत्र दिया। उन्होंने बताया कि 15 जुलाई शाम 6:30 बजे उनके भाई संतोष शर्मा उसका थाना क्षेत्र के विशुनपुर में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। स्थानीय लोगों ने मदद की और उन्हें 108 नंबर एंबुलेंस के माध्यम से मेडिकल कॉलेज भेजा था, जहां उनका प्राथमिक उपचार हुआ।

हादसे की खबर मिलने पर वे रात करीब 8 बजे इमरजेंसी पहुंचे तो इमरजेंसी गेट पर एक एंबुलेंस लगी थी। जैसे ही वे अंदर पहुंचे तो रेफर का पर्चा बन गया था। डॉक्टर ने उनसे बताया कि आपका मरीज रेफर कर दिया गया है, गोरखपुर ले जाइए। उस दौरान रेफर का पर्चा निजी एंबुलेंस कर्मी के हाथ में था, उसने हस्ताक्षर कराया। एंबुलेंस चालक ने उनसे कोई बात नहीं की और उन्होंने उनके भाई को टांगा और एंबुलेंस में लेटा दिया, जबकि उन्होंने भी सहयोग किया। उन्हें इस बात का अहसास नहीं था कि एंबुलेंस निजी है और निजी अस्पताल में पहुंचाएगा।
एंबुलेेंस चालक ने मरीज को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया, उनके बात शुरू करते ही उन्होंने कहा कि कहीं और जाओगे तो तुम्हारा मरीज मर जाएगा।
दो घंटे इलाज के बाद उनके मरीज की मौत हो गई, उसके बाद डॉक्टर ने 17,500 रुपये का बिल थमा दिया, जिसको उन्होंने कर्ज लेकर भुगतान किया।
350 रुपये लिया था किराया
निजी एंबुलेंस चालक ने शैलेष शर्मा ने 350 रुपये किराया लिया था, जबकि दूरी करीब एक किमी ही है। एंबुलेंस कर्मियों ने उसे भर्ती कराने तक पूरा सहयोग करके अपनापन भी दिखाया, लेकिन बिल भरना पड़ा तो उन्हें लगा किया ठग लिया गया।

सीसीटीवी नहीं, कैसे होगी पहचान
माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी व अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं, इस कारण पता लगाना कठिन है कि किस एंबुलेंस चालक ने मरीज बेचने की साजिश की है। मेडिकल कॉलेज में लगाए गए कैमरे एनएमसी के हैं, जबकि रिकॉर्डिंग प्राप्त करने के लिए नए कैमरे लगवाने की आवश्यकता है। बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज में जो कैमरे पहले लगाए थे, उसमें हार्डडिस्क काम नहीं कर रही थी, इसलिए निकाल दिए गए हैं।

वर्जन–
माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में निजी एंबुलेंस कर्मी की शिकायत मिली है। इस मामले की जांच की जा रही है।
– डाॅ. बीके अग्रवाल, सीएमओ
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मेडिकल कॉलेज में निजी एंबुलेंस कर्मी पर मरीज को निजी अस्पताल में ले जाने के आरोप की जांच की जाएगी। आरोप साबित होगा तो कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. एके झा, प्रभारी प्राचार्य

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