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Siddharthnagar News: बिना प्रशिक्षक खेल मैदानों से कैसे निकलेंगी ग्रामीण खेल प्रतिभाएं

सिद्धार्थनगर। ग्रामीण प्रतिभाएं खेल के जरिये आगे बढ़ सकें। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर खेल का मैदान बनाने और खेल का आयोजन कराने की पहल छह वर्ष पहले शुरू हुई थी। इस दौरान राजस्व विभाग की ओर से जिले के 93 ग्राम पंचायतों में खेल मैदान बनाने के लिए जमीन ढूढ़ लिया है। मैदान बनवाने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को है। खेल मैदान तो बन जाएगा। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने का है। कारण कोच की कोई व्यवस्था नहीं है।

खेलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों की तरफ से कई योजनाएं चलाई जा रही है। खेल का मैदान बन जाने से युवा सेना, पुलिस, सीआरपीएफ इत्यादि में भर्ती की तैयारी अपने गांव में ही कर सकेंगे। युवाओं को अब अपने गांव से बाहर निकलकर और जान जोखिम में डालकर सड़कों पर नहीं दौड़ना पड़ेगा। खेल मैदान बन जाने से गांव की युवा प्रतिभाओं को निखरने का मौका मिलेगा और वे आगे बढ़कर विभिन्न खेलों में बेहतर प्रदर्शन भी कर सकेंगे। अधिकांश गांव में खेल मैदान नहीं हैं। ऐसे में ग्रामीण परिवेश के खिलाड़ियों की प्रतिभा निखर नहीं पाती है। इसके मद्देनजर ग्रामीण क्षेत्रों में खेलकूद की योजना को प्रोत्साहन देने के लिए गांवों में खेल के मैदान बनाने का कार्य चल रहा है। राज्य वित्त एवं मनरेगा से इस पर 10 से 15 लाख रुपये तक खर्च करने का प्राविधान है। शासन के प्रस्ताव के बाद राजस्व विभाग ने जमीन की खोज की। 93 ग्राम पंचायतों में खेल मैदान की जमीनें मिली हैं। जिसे राजस्व विभाग ने खाली भी करवा दिया है। वहां खेल मैदान विकसित किया जा सकता है। युवा कल्याण विभाग के मुताबिक खेल मैदान विकसित करने के लिए ग्राम पंचायत 15 लाख प्रति गांव में खर्च कर सकती है। लेकिन पांच, सात और 10 लाख तक ही खर्च किया जा रहा है।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक, मैदान के लिए दो से तीन एकड़ भूमि ठीक रहेगा। लेकिन अगर एक एकड़ भूमि भी है तो उस पर भी खेल मैदान बन सकता है। खेल मैदानों में युवाओं को प्रशिक्षित करने के सवाल पर युवा कल्याण विभाग के मुताबिक पहले विभाग में खेल प्रशिक्षक विभाग में होते थे। लेकिन अब नहीं है। ग्रामीणों के मुताबिक जब खेल प्रशिक्षक ही नहीं रहेंगे तो बच्चे क्या सीखेंगे। युवक मंगल दल गांवों में खेलों के बारे में कितना सक्रिय है यह सभी जानते हैं।
93 ग्राम पंचायतों में जमीन मिल चुका है। शेष 405 गांवों में जमीन के लिए जिलाधिकारी महोदय को पत्र भेजा गया है। हमारे विभाग में पहले खेल प्रशिक्षक नियुक्त होते थे अब नहीं हो रहे हैं। खेल मैदान की जिम्मेदारी युवक मंगल दल के जिम्मे रहेगा।

93 ग्राम पंचायतों में जमीन मिल चुका है। शेष 405 गांवों में जमीन के लिए जिलाधिकारी महोदय को पत्र भेजा गया है। हमारे विभाग में पहले खेल प्रशिक्षक नियुक्त होते थे अब नहीं हो रहे हैं। खेल मैदान की जिम्मेदारी युवक मंगल दल के जिम्मे रहेगा।
-आरपी सिंह, युवा कल्याण अधिकारी
इस तरह कैसे बनेगा खेल का माहौल
प्रदेश में योगी सरकार के बनने के बाद 2018 में प्रदेश के सभी ग्रामपंचायतों की खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए खेल मैदान बनवाने की कवायद शुरू किया। राजस्व विभाग को खेल मैदान के लिए जमीन की तलाश के निर्देशित किया गया। सूत्रों के मुताबिक अगर खेल मैदान बन भी गया तो वहां खेलने वाले बच्चों को प्रशिक्षित करने के लिए युवा कल्याण विभाग तो युवक मंगल दल को जिम्मेदारी देने की बात कह रहा है। जिले के लगभग अधिकतर गांवों में युवक मंगल दल बना हुआ है। लेकिन यह दल गांवों में खेलों के आयोजन व विकास में कितना सक्रिय है यह सभी जानते हैं। केवल कुछ जगहों पर ही महीने में एकाध बार ही इनके देखरेख में खेल होते हैं।अब खेल मैदान में ग्रामीण क्षेत्रों के खेल प्रतिभाओं को निखारने में युवक मंगल दल कितना कामयाब होगा यह तो आने वाला समय बताएगा।

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