सिद्धार्थनगर/कपिलवस्तु। नेपाल के लुंबिनी से पैदल चलकर आए दक्षिण कोरिया के 200 सदस्यों के दल ने बुधवार भोर में ककरहवा बार्डर पार किया। पुष्प की वर्षा कर उनका स्वागत किया गरा। पुलिस प्रशासन ने दल की अगवानी की। निर्धारित स्थानों पर रुकते हुए वे कपिलवस्तु स्तूप पहुंचे। उन्होंने स्तूप की परिक्रमा और पूजन किया। उन्होंने कपिलवस्तु क्षेत्र में भगवान बुद्ध की स्मृतियों को करीब देखा और साक्ष्यों को संजोने के लिए फोटो खींचा और वीडियो भी बनाया।
जिस मार्ग पर भगवान बुद्ध चले थे, उसी मार्ग पर पैदल चलते हुए बेहद पवित्र भाव से कोरियाई दल सिद्धार्थनगर पहुंचा। उन्होंने करीब 20 किमी पैदल यात्रा पूरी की। कोरियाई दल के साथ आए द्विभाषिया अंकित ने बताया कि इस धार्मिक यात्रा में दक्षिण कोरिया के बौद्ध भिक्षु शामिल हैंं। इनमें महिलाएं भी हैं। पहली बार वे पैदल चलकर भगवान बुद्ध के तीर्थ स्थलों में पहुंच रहे हैं और यहां की स्मृतियों को संजाेने के बाद कोरिया में शांति का संदेश देंगे।
ककरहवा बार्डर पर एसडीएम डॉ. ललित कुमार मिश्र व एसएसबी अधिकारी यशवंत ने दल का स्वागत किया। उसके बाद वे सलारगढ़ स्तूप पहुंचे और बगीचे में विश्राम भी किया। फिर प्राथमिक विद्यालय नंदानगर और राजा शुद्दोधन के अस्तबल भी पहुंचे। उसके बाद वे कपिलवस्तु स्तूप पहुंचकर भगवान बुद्ध की प्रार्थना की।
इस मौके पर जिलाधिकारी संजीव रंजन व मुख्य विकास अधिकारी जयेंद्र कुमार ने दल के मुखिया जासंग व अन्य अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। कोरियाई दल ने विश्वविद्यालय परिसर के सामने बनाए गए छोटे-छोटे टेंट में विश्राम किया।