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Siddharthnagar News: सस्ती सब्जी चाहिए तो जाइए मंडी, बाहर आते ही डेढ़ गुनी हो रही कीमत

सिद्धार्थनगर। दरवाजे पर पहुंचे ठेले वाले से टमाटर खरीदने को थरौली निवासी राकेश ने दाम पूछा तो उसने 140 रुपये प्रति किलोग्राम बताया। वह जब शुक्रवार सुबह नवीन मंडी में सब्जी खरीदने गए तो वहां 90 से सौ रुपये किग्रा टमाटर मिला। उनका कहना था कि वैसे ही पहले से आसमान छू रहे सब्जियों के दाम से जेब खाली हो रही है, उस पर फुटकर विक्रेता डेढ़ गुना से अधिक दाम पर सब्जियां देकर पूरी तरह कंगाल करने पर तुले हुए हैं। सब्जी मंडी आने से दाम में कुछ राहत तो मिला

पिछले 20 दिन से हरी सब्जियों के भाव आसमान पर पहुंच गए हैं। 15 दिन पूर्व तक मंडी में भी भिंडी, तरोई, करेला, नेनुआ, सरपुतिया के दाम सौ रुपये किग्रा रही, जो अब घटकर 40 से 50 रुपये किग्रा हो गई है। जबकि इसके पूर्व इन हरी सब्जियों के दाम 15 से 20 रुपये किग्रा थी। वर्तमान में हरी सब्जियों के दाम बढ़े होने के कारण अधिकांश लोगों ने इन्हें खाना छोड़ दिया है। उन्हें इन सब्जियों के सस्ता होने का इंतजार है। सब्जी मंडी में जो सब्जियां सौ रुपये प्रति किग्रा हैं वही सब्जी बाहर फुटकर दुकानदार डेढ़ सौ रुपये तक में बेंच रहे हैं। सिसहनिया निवासी उमाशंकर ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम को फुटकर दुकानदार से सब्जी खरीदने गए थे, लेकिन दाम अधिक लगा तो नहीं खरीदी। सब्जी मंडी में आए तो यहां हरी एवं अन्य सब्जियां सस्ती मिल रही थीं।

बारिश से नष्ट हुई फसल से महंगी हुई सब्जी
सब्जी के थोक विक्रेता मोहम्मद मुस्तफा कहते है कि बारिश के कारण उत्तर प्रदेश के बाराबंकी व आगरा समेत विभिन्न जिलों में हरी सब्जियों की फसल नष्ट हो गई है। इससे जिले में भी हरी सब्जियाें की फसल नष्ट हो गई है। जिस कारण टमाटर कर्नाटक के बेंगलुरु से मंगाने के अलावा अन्य सब्जियां भी दूसरे प्रदेशों से मंगानी पड़ रही हैं। जिससे टमाटर समेत हरी सब्जियां महंगी हो गईं हैं
टमाटर के भाव ने उड़ाई चेहरे की रंगत
एक माह के अंदर टमाटर के भाव ने लोगों के चेहरे की रंगत उड़ा रखी है। एकाएक सौ रुपये प्रति किग्रा हुआ टमाटर 10 दिन पहले तक 180 रुपये किग्रा हो गया था। वर्तमान में भी इसका दाम सौ रुपये से अधिक बना हुआ है। फुटकर विक्रेता मंडी की कीमत से डेढ़ गुना कीमत पर इसकी बिक्री कर रहे है। जिस कारण लोग इसे खरीदने से कतराने लगे हैं।
अभी कुछ दिन और तेज रहेंगे सब्जियों के भाव
सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि बरसात मौसम में जिले के निचले हिस्से में बुवाई की गई 70 फीसदी हरी सब्जियों की फसल नष्ट हो जाती है। वर्तमान में मानसून के चलते कुछ दिनों तक दूसरी सब्जियां बाजार नहीं आने से जो सब्जियां उपलब्ध रहेंगी उनका भाव मंहगा रहेगा। जब बाजार में दूसरी सब्जियां उतरेंगी तभी इनके दाम में गिरावट आएगा।
महंगाई के चलते रसोई में हरी सब्जियां कम रख रहे हैं, इसके विकल्प के तौर पर सोयाबीन, राजमा और मटर का प्रयोग किया जा रहा है। अभी हरी सब्जियों के दाम घटने का इंतजार है।
– मंजू देवी, गृहिणी
महंगाई के चलते रसोई में हरी सब्जियां कम रख रहे हैं, इसके विकल्प के तौर पर सोयाबीन, राजमा और मटर का प्रयोग किया जा रहा है। अभी हरी सब्जियों के दाम घटने का इंतजार है।
– मंजू देवी, गृहिणी
महंगाई के चलते रसोई में हरी सब्जियां कम रख रहे हैं, इसके विकल्प के तौर पर सोयाबीन, राजमा और मटर का प्रयोग किया जा रहा है। अभी हरी सब्जियों के दाम घटने का इंतजार है।
– मंजू देवी, गृहिणी
वैसे तो सब्जियों के भाव बहुत महंगे हैं, लेकिन फिर भी थोक मंडी में कुछ सस्ता होने के कारण सब्जी वहीं से लेते हैं। फुटकर एवं ठेले वाले सब्जियों के भाव अधिक वसूल रहे हैं।
– नसीम खान, दवा विक्रेता
थोक में सब्जी सस्ती मिलने के कारण मंडी में सब्जी खरीदते हैं, वर्तमान में महंगाई के कारण सब्जी खरीदना घर का बजट बिगाड़ दे रहा है, इसके मूल्य पर नियंत्रण होना जरूरी है।
अजय वरूण, सब्जी खरीदार
सब्जी का दाम प्रति किग्रा रुपये में
सब्जी मंडी में मूल्य फुटकर मूल्य
टमाटर 100 140
भिंडी 35 50
करेला 35 50
परवल 40 80
लौकी 30 50
गोभी 40 120
मूली 30 45
हरी मिर्च 90 150
अदरक 250 350
तरोई 40 60
सरपुतिया 40 60
कटहल 40 55
नींबू 50 70
कद्दू 30 45
केला 35 50
आलू 18 23
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