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Siddharthnagar News: सीमावर्ती क्षेत्र में गहरी हो रही है पीएफआई की जड़

सिद्धार्थनगर। एटीएस की ओर से पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े संदिग्धों की धरपकड़ के लिए प्रदेश में लगातार अभियान चलाया जा रहा है। शोहरतगढ़ कस्बे से एक संदिग्ध आठ माह बाद फिर शनिवार रात को उठाए जाने के बाद एक बार फिर सिद्धार्थनगर जनपद सुर्खियों में आ गया है।

इससे पहले भी एटीएस की टीम यहां से संदिग्ध को उठा चुकी है। हालांकि पूछताछ करने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। नेपाल सीमा से महज 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित इस कस्बे से संदिग्धों के पकड़े जाने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि यहां देश विरोधी गतिविधियों पर कार्य चल रहा है। कारण इससे पहले इसी कस्बे का रहने वाले राशिद को बस्ती रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया था, जिसके पीएफआई के टे्रनिंग कमांडर होने का एटीएस ने दावा किया था। पीएफआई के आतंकी गतिविधियों की मदद के लगातार एजेंसियों को एनपुट मिल रहे हैं। इसके बाद इससे जुड़े संदिग्धों की धरपकड़ में एटीएस की टीम जुटी है। इसी क्रम में पांच मई की रात जनपद के शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र के अतरी गांव से एटीएस और एक खुफिया इकाई ने एक संदिग्ध को पकड़ा। उसकी पहचान अनीसुर्रहमान के रूप में की गई है।

जो पहले 21 सितंबर 2022 को उठाया गया था। पहली बार पूछताछ करके दो दिन बाद उसे छोड़ दिया गया। एक बार फिर पूछताछ करने के लिए टीम उसको पकड़कर अपने साथ ले गई है। सूत्रों के अनुसार उसके हर मूवमेंट पर एक स्थानीय टीम की नजर थी। टीम ने उसके कब्जे से कुछ सामान भी जब्त किया, जिसकी जांच की जा रही है। हालांकि यह आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
इस संबंध में एसओ शोहरतगढ़ पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि एटीएस की टीम शोहरतगढ़ अतरी कस्बे से एक संदिग्ध को ले गई है। उसे पहले भी टीम लेकर जा चुकी है। इसके आगे की जानकारी अभी तक नहीं मिली है।

इसी कस्बे का रहने वाला था राशिद
लखनऊ और गोरखपुर की एसटीएफ की टीम ने 14 मार्च 2021 को शोहरतगढ़ कस्बे के ही निवासी राशिद को बस्ती रेलवे स्टेशन से दबोचा था। उसके पीएफआई से जुड़े होने की पुष्टि की थी। साथ ही उसे पीएफआई का टे्रनिंग कमांडर होने का भी टीम ने दावा किया था। उसके कब्जे से देशविरोधी गतिविधि से जुड़े कई दस्तावेज, सीडी, तीन विभिन्न प्रकार के आधार कार्ड सहित कई संदिग्ध वस्तु हाथ लगा था।

इसलिए निशाने पर है संदिग्ध
जिस अनीसुर्रहमान को दोबारा एटीएस की टीम उठाकर ले गई है। बताया जा हा है कि वर्ष 2021 में बस्ती से रेलवे स्टेशन से पकड़े गए इसी कस्बे के राशिद की बहन का मकान इटवा कस्बे में बनाने के लिए गया था। इसलिए दोनों से लगातार फोन पर वार्ता भी होती थी। पहली बार जब एटीएस लेकर गई थी तो पूछताछ करने के बाद इसलिए छोड़ दिया था कि, उसके बाद से कुछ ऐसा नहीं मिला था जिससे देशविरोधी कार्य में लिप्त होने की पुष्टि हो। दोबारा फिर एटीएस लेकर गई है। फिलहाल अभी तक परिवार के लोग इस बारे में जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। वह किसी से कुछ भी बोलने से भी कतरा रहे हैं।

नेपाल करीब, इसलिए और है संवेदनशील शोहरतगढ़ का अतरी कस्बा
नेपाल बाॅर्डर से लगभग 10 किलोमीटर दूरी पर है। बिना रोक टोक के लोग आते और जाते हैं। बाॅर्डर खुला होने के कारण कोई समस्या भी नहीं होती है। ठिकाने के तौर पर नेपाल के साथ ही सीमावर्ती क्षेत्र के मदरसे भी हैं। यहां कहां से लोग आते हैं और रहते हैं, इसकी बात की किसी को जानकारी नहीं मिल पाती है। स्थानीय लोग बाहरी व्यक्तियों के होने की लगातार चर्चा करते हैं। सूत्रों की मानें पहली बार जब एटीएस ने छापा मारा था, तब जिस संदिग्ध को पकड़ने के लिए टीम आई थी। उसकी लोकेशन नेपाल सीमा के पास बताई जा रही थी। टीम बाॅर्डर तक गई, लेकिन फिर निराश होकर लौटना पड़ा था।

कुछ और संदिग्ध आ सकते हैं घेरे में
जांच में जुटी एजेंसियों पर गौर करें तो अभी कुछ और संदिग्ध सुरक्षा एजेंसी की गिरफ्त में आ जाएंगे। क्योंकि उनकी निगाह कुछ और संदिग्धों पर लगी है। साथ ही अनीसुर्रहमान की पूछताछ में कुछ जानकारी मिली है, जिसमें कुछ और चेहरे सामने आ सकते हैं।

सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही स्थानीय थाने की पुलिस भी अलर्ट रहती है। संदिग्घ गतिविधि वालों से पूछताछ भी की जाती है। लोकल एजेंसी भी सतर्क हैं।
-अमित कुमार आनंद, एसपी सिद्धार्थनगर

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