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Siddharthnagar News: वाराणसी के स्टूडियो में बासमती को टक्कर दे रहा सिद्धार्थनगर का कालानमक चावल

सिद्धार्थनगर। वाराणसी ट्रेड फैसिलिटी सेंटर में सिद्धार्थनगर का कालानमक चावल देहरादून के बासमती को टक्कर दे रहा है। जिले के कटहना निवासी विजय मिश्र ने वाराणसी में देश का पहला राइस स्टूडियो खोला है। इसमें देश भर के चावल की खास 25 से अधिक प्रजातियों के चावल उपलब्ध हैं। इससे कालानमक चावल की ब्रांडिंग मार्केटिंग हो रही है।

विशेषज्ञों के अनुसार कालानमक चावल में बासमति की अपेक्षा अधिक तत्व हैं, लेकिन बासमती की तर्ज पर कालानमक चावल को प्रोत्साहन नहीं मिला है। बासमती एक्सपोर्ट प्रमोशन बोर्ड बना है, जबकि बासमती चावल के निर्यात के लिए एचएसएन कोड मिला है। इसके अलावा कालानमक सहित देश के सभी सुगंधित चावल को नॉन बासमती राइस के रूप में दर्ज किया जाता है। नए नियम के अनुसार गैर बासमती चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत शुल्क जमा करना पड़ रहा है। इस कारण कालानमक चावल के निर्यात में भी कीमत बढ़ गई है और निर्यात भी प्रभावित होने लगा है। ऐसे प्रतिस्पर्धा के दौर में राइस स्टूडियो होने से कालानमक चावल को एक और प्लेटफार्म मिला है। वर्ष 2018 में कालानमक चावल को ओडीओपी में शामिल किया गया, उसके बाद कालानमक चावल की राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग की जा रही है। विजय मिश्र ने बताया कि स्टूडियो में कालानमक चावल और आर्गेनिक चावल है, जबकि कालानमक चावल की कीमत बासमती से अधिक है। मई में ही स्टूडियो का उद्घाटन हुआ है, कालानमक चावल की मांग अधिक है।

तिन्नी का चावल भी उपलब्ध
विजय मिश्र ने बताया कि राइस स्टूडियो में सिद्धार्थनगर के तिन्नी के चावल के पैकेट भी उपलब्ध हैं। इस चावल को व्रत में खाया जाता है। इरी के वैज्ञानिक डॉ. विवेक सिंह के अनुसार तिन्नी का चावल शुगर फ्री होता है, जबकि इसमें पौष्टिक तत्व अधिक होते हैं।

स्टूडियो में चावल की इतनी प्रजातियां
कश्मीर का कश्मीरी, छत्तीसगढ़ का देवीभोग, मध्य प्रदेश का समुद्र चीनी, केरल का पोकाली, मणिपुर का काला चावल, त्रिपुरा का बंबो राइस, आंध्र प्रदेश का नवारा, मेघालय का पहाड़ी ब्लैक राइस, छत्तीसगढ़ के जावा फूल, अरूणाचल स्पीकी सहित 25 प्रजातियों का चावल राइस स्टूडियो में उपलब्ध है, जबकि भविष्य में 100 प्रकार से अधिक चावल उपलब्ध होंगे।

इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में लगेगा कालानमक का स्टॉल
ग्रेटर नोएडा में सितंबर में आयोजित होने वाले पहले उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में कालानमक चावल का भी स्टॉल लगाया जाएगा। जिला प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसी प्रकार नई दिल्ली में आयोजित होने वाले जी-20 सम्मेलन में अतिथियों को उपहार में कालानमक चावल का पैकेट दिया जाएगा।

कालानमक चावल की ब्रांडिंग-मार्केटिंग राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की जा रही है। वाराणसी में राइस स्टूडियो खुलने से देश के प्रमुख चावलों के बाजार में कालानमक को प्लेटफार्म मिला है, जबकि इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में कालानमक चावल का स्टॉल भी लगाया जाएगा।
– दयाशंकर सरोज, उपायुक्त उद्योग

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