सिद्धार्थनगर। अपर सत्र न्यायाधीश द्रुतगामी न्यायालय द्वितीय निशा झा ने गैंगस्टर एक्ट के दो अभियुक्तों को जुर्म स्वीकारोक्ति के आधार पर उनके द्वारा जेल में बिताई गई अवधि को सजा के तौर पर समायोजित कर दिया। इसके साथ दोनों पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
मामला सिद्धार्थनगर थानाक्षेत्र से संबंधित है, जिसमें तत्कालीन थानाध्यक्ष राजेन्द्र बहादुर सिंह ने आरोपियों का गैंगचार्ट तैयार करके जिलाधिकारी से अनुमोदन के बाद गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करवाई थी। आरोप लगाया था कि वह 12 अगस्त 2020 को समय करीब 2 बजे हमराहियों के साथ क्षेत्र में अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद थे। उसी वक्त जानकारी मिली कि गैंग का लीडर इरफान उर्फ बुद्धू उर्फ गुड्डू, नगवा करछुलिया थाना उसका बाजार शातिर किस्म का अपराधी है, जो आर्थिक एवं भौतिक लाभ के लिए अपने गैंग के गुर्गों सन्तराम पुत्र भूरे उर्फ घुरे, नगवा करछुलिया थाना उसका बाजार एवं लौटन लोध पुत्र पुछन लोध, महुअवा थाना उसका बाजार के साथ संगठित गिरोह बनाकर चोरी का अपराध करता है। इनके विरुद्ध कुल चार मामले चोरी के दर्ज हैं, जिसमें न्यायालय में आरोप पत्र भेजा जा चुका है।
पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर गैंगचार्ट न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियुक्तों की जमानत गैंगस्टर न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गयी थी और वे जेल में थे। न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेकर विचारण प्रारंभ किया। दौरान विचारण आरोपी अभियुक्त अभियुक्त इरफान उर्फ बुद्धू उर्फ गुड्डू पुत्र इल्ताफ अली व सन्तराम पुत्र भूरे उर्फ घूरे ने मामले में अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। जुर्म स्वीकारोक्ति के आधार पर न्यायालय ने अभियुक्तों द्वारा जेल में बिताई गई अवधि 2 वर्ष 10 माह 7 दिन को सजा के तौर पर समायोजित करके 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करके मामला समाप्त कर दिया, जबकि आरोपी अभियुक्त लौटन लोध पुत्र पुछन लोध, महुअवा थाना उसका बाजार ने अपना जुर्म स्वीकार नहीं किया है और उसके खिलाफ मामले का विचारण जारी है।