सिद्धार्थनगर। विभिन्न कारणों से इस बार चुनाव से बाहर रहे नगर निकायों के पूर्व अध्यक्षों की चाहत है कि उनके नगर का मुखिया व्यापक सोच, भरोसेमंद और जनता के बीच रहने वाला हो। ऐसे में जबकि वर्तमान में चुनाव में मतदान में सिर्फ दो दिन शेष बचा है, जनता में अध्यक्ष एवं सभासद का चुनाव करने के लिए ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है, अमर उजाला ने पूर्व अध्यक्षों से बात कर उनके विचार जाने। उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनाव में ईमानदार व विकास करने वाले व्यक्ति का चुनाव जनता को करना चाहिए।
अगला अध्यक्ष जनता का भरोसेमंद, उनकी बात सुनने और उसका निस्तारण करने की क्षमता रखने वाला होना चाहिए। साथ ही शहर की सबसे बड़ी समस्या जलनिकासी का इंतजाम करना और विस्तारित क्षेत्र में शामिल मोहल्लों में विकास कार्य कराना प्राथमिकता होना चाहिए।
– जमील सिद्दीकी, पूर्व अध्यक्ष, नगर पालिका, सिद्धार्थनगर
अगला अध्यक्ष ईमानदार और व्यापक सोच वाला होना चाहिए, अध्यक्ष के पास बहुत अधिकार होते हैं जिससे वह नगर विकास करने में सक्षम होता है। नगर पालिका की संपत्तियों की रक्षा करने वाला, नगर में बिजली, पानी, सड़क व अन्य मूलभूत सुविधाएं उसकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
– एसपी अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, नगर पालिका, सिद्धार्थनगर
नगर पंचायत का चेयरमैन ऐसा हो जो विकास को प्राथमिकता दे। चुनाव में मतदाताओं को मौका मिला है एक विकासशील चेयरमैन चुनने का। सामाजिक और मिलनसार हो, ऊंच-नीच के भेदभाव को दरकिनार कर विकास की नींव रखे, वही नगर का चेयरमैन हो।
शिव प्रसाद वर्मा, पूर्व अध्यक्ष, नगर पंचायत, शोहरतगढ़
ईमानदार व नगर का विकास करने वाला अध्यक्ष होना चाहिए, इसलिए सभी मतदाताओं को प्रत्याशी चयन करने के दौरान इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए। अध्यक्ष वही होना चाहिए जो नगर के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील हो और लोगों की समस्याओं के निस्तारण में रूचि रखता हो।
– अजय कुमार श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष, नगर पालिका बांसी