सिद्धार्थनगर। जिले में बिना मान्यता चल रहे 26 विद्यालयों को बंद कराने की कार्रवाई की गई है। इससे पहले नोटिस दिए जाने के बाद भी संचालित 10 विद्यालयों पर अर्थदंड पर लगा है।
अवैध रूप से बिना किसी मान्यता के संचालित होने वाले विद्यालयों पर शिकंजा कसने के लिए शासन की ओर से हर सत्र में दिशा-निर्देश जारी होता है। जिससे अभिभावक महंगी फीस और ड्रेस के रूप में होने वाली वसूली से बच सकें। शासन की ओर से अप्रैल माह में बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश आया था कि बिना विद्यालयों को ब्लॉक स्तर पर अधिकारी जांच करें। अगर कोई विद्यालय मानक विहीन, बिना मान्यता के संचालित होते हुए मिले। जैसा कक्षा पांच तक मान्यता है और आठवीं तक संचालित हो रहा है। इसके साथ ही बिना किसी मान्यता के चल रहे हों। ऐसा मिलने पर कार्रवाई करते हुए उसे तत्काल बंद करवाया जाए। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते माह ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की ओर से की गई जांच में 26 विद्यालय मान्यता विहीन पाए गए थे। जो कक्षा एक से आठवीं तक चल रहे थे। सभी को तत्काल बंद करने के लिए निर्देश दिया गया था। जिसमें 10 विद्यालय संचालक विद्यालय को बंद नहीं कर रहे थे। उन्हें नोटिस दिया गया, उसके बाद भी अनसुना कर दिए थे। इसके बाद उनके खिलाफ अर्थदंड की कार्रवाई की गई है। इस संबंध में बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि विद्यालयों की जांच की जा रही है। बिना मान्यता के संचालित होता हुआ मिलने पर बंद करवाकर कार्रवाई की जा रही है। जांच अभियान लगातार जारी रहेगा।
सही से हो जांच तो बड़े पैमाने पर मिलेंगे बिना मान्यता के विद्यालयजिले में हर गली और चौराहे पर दुकान की तरह से विद्यालय हर साल खुल रहे हैं। अच्छी और बेहतर शिक्षा देने का दावा करके अभिभावकों को फंसाते हैं। उन्हें फीस, ड्रेस, कॉपी-किताब और वाहन के नाम पर ठगते हैं। ऐसे में अगर सही तरीके से जांच हो और अभिभावक से कितनी फीस ली जाती है इसकी जांच हो तो बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने वाले सामने आएंगे। लेकिन विभाग है कि शिकायत मिलने के बाद ही जांच के लिए आगे आता है। या फिर जांच करके शासन से रिपोर्ट मांगा जाता है तो जांच करते हैं।
सही से हो जांच तो बड़े पैमाने पर मिलेंगे बिना मान्यता के विद्यालयजिले में हर गली और चौराहे पर दुकान की तरह से विद्यालय हर साल खुल रहे हैं। अच्छी और बेहतर शिक्षा देने का दावा करके अभिभावकों को फंसाते हैं। उन्हें फीस, ड्रेस, कॉपी-किताब और वाहन के नाम पर ठगते हैं। ऐसे में अगर सही तरीके से जांच हो और अभिभावक से कितनी फीस ली जाती है इसकी जांच हो तो बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने वाले सामने आएंगे। लेकिन विभाग है कि शिकायत मिलने के बाद ही जांच के लिए आगे आता है। या फिर जांच करके शासन से रिपोर्ट मांगा जाता है तो जांच करते हैं।