सिद्धार्थनगर। सड़क किनारे डाले जाने वाले कूड़े से शहरियों को हो रही दिक्कत से अब निजात मिल जाएगी। तहसील प्रशासन की ओर से बुधवार को जमुआर पुल के निकट 14 बीघा भूमि मुक्त कराई गई। इस भूमि में से छह बीघा भूमि पर नगर पालिका के डंपिंग यार्ड बनाने का रास्ता साफ हो गया है। इससे जहां पूरे शहर को कूड़े से निजात मिलेगी वहीं डंपिंग यार्ड में कूड़े से जैविक खाद भी बनाई जाएगी।
नगर पालिका लंबे समय से शहर का कूड़ा निस्तारण करने के लिए डंपिंग यार्ड बनाने के लिए भूमि की तलाश में थी। तीन वर्ष पूर्व पकड़ी के निकट और सिहेंश्वरी मंदिर के पीछे भूमि चिन्हित की गई थी, लेकिन दोनों स्थानों पर भूमि विवाद के कारण डंपिंग यार्ड का स्थापित नहीं हो सका। यहां तक कि पकड़ी के निकट शुरू हुआ डंपिंग यार्ड निर्माण कार्य विवाद के कारण अधूरा पड़ा हुआ है। इससे नगर पालिका शहर का कूड़ा जमुआर पुल के पास सड़क किनारे डाल देती थी। इससे राहगीरों को हो रही परेशानी की शिकायत के बाद शहर का कूड़ा पिठनी पुल के पास डाला जाने लगा, जिससे जमुआर नाले में गंदगी फैल रही थी। तभी से नगर पालिका डंपिंग यार्ड के लिए भूमि तलाश में जुटी हुई थी। अभिलेखों की पड़ताल के बाद बुधवार सुबह से ही तहसीलदार राम ऋषि रमन राजस्व एवं पुलिस टीम के साथ जमुआर पुल के निकट गैर आबाद क्षेत्र में उपलब्ध सरकारी भूमि को कब्जामुक्त कराकर मेड़बंदी कराई
कब्जामुक्त कराई गई 14 बीघा भूमि
तहसीलदार नौगढ़ राम ऋषि रमन ने बताया कि सरकारी भूमि कब्जामुक्त कराने के अभियान के तहत पुरानी नौगढ़ के जमुआर पुल के निकट ग्राम बर्डपुर नंबर 14 में अभिलेख में उत्तर प्रदेश भूदान यज्ञ समिति के नाम से दर्ज दो गाटे की आठ बीघा भूमि कब्जामुक्त कराई गई। साथ ही छह बीघा बंजर भूमि कब्जामुक्त करा नगर पालिका को डंपिंग यार्ड के लिए प्रस्तावित की गई। इस भूमि पर पांच से अधिक लोग कब्जा कर खेती करते चले आ रहे थे। कब्जामुक्त कराई गई भूमि के चारों तरफ जेसीबी से मेड़बंदी की गई। इस दौरान राजस्व निरीक्षक शीतल द्विवेदी, लेखपाल सुधीर श्रीवास्तव, शिव शंकर यादव, अनूप यादव, सुधीर भारद्वाज उपस्थिति रहे।
उपलब्ध भूमि पर डंपिंग यार्ड बनाने का कार्य शुरू
ईओ नगर पालिका मुकेश कुमार चौधरी ने बताया कि प्रशासन की तरफ से कब्जामुक्त कर उपलब्ध कराई गई छह बीघा बंजर भूमि में डंपिंग यार्ड बनाने का कार्य शुरू हो गया है। डंपिंग यार्ड के लिए लंबे समय से भूमि तलाश थी, अब उपलब्ध भूमि पर कूड़ा निस्तारण होने से शहर को स्वच्छ बनाने में सहूलियत होगी। मिली भूमि तक जाने को रास्ता बनाने को मिट्टी पटाई के साथ ही वहां पर गड्ढा खोदकर गलने वाले कूड़े से जैविक खाद बनाई जाएगी। साथ ही प्लास्टिक के बोतल, बैग समेेत अन्य तरह के कूड़े के निस्तारण के लिए कबाड़ वालों को लगाया जाएगा। डंपिंग यार्ड पर मजदूरों की सुविधा के लिए झोपड़ी डालने के साथ ही पानी की भी उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
गंदगी व बदबू से मुक्ति, स्वच्छ होगा शहर
पहले शहर के पुरानी नौगढ़ मार्ग और पिठनी पुल के पास डाले जा रहे नगर के कूड़े से राहगीरों की सांसत होती ही थी, आसपास रहने वाले को भी इससे उठने वाले दुर्गंध से जीवन दूभर हो गया था। अब शहर की आबादी से दूर कूड़ा निस्तारण के लिए डंपिंग यार्ड बनने से शहरवासियों को अब गंदगी और कूड़े की बदबू से निजात मिल जाएगी। शहरी मनोज तिवारी कहते है कि डंपिंग यार्ड नहीं होने से शहर के विभिन्न मोहल्ले में कई दिनों तक कूड़ा नहीं उठाया जाता था। अब इससे राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं मुन्ना जायसवाल कहते है कि पहले किसी मार्ग किनारे अथवा कहीं भी डाल दिए गए कूड़े की बदबू से राह चलना दुश्वार था, अब डंपिंग यार्ड बनने से इससे राहत मिलेगी।
एक हजार टन कूड़ा निस्तारण होगी क्षमता
जमुआर पुल के पास उपलब्ध हुए भूमि पर स्थापित होने वाले डंपिंग यार्ड की क्षमता एक हजार टन कूड़ा निस्तारण की होगी। शहर के विभिन्न मोहल्लों से प्रतिदिन 14.63 टन कूड़ा निकलता है। इसमें छह टन सूखा कूड़ा और 8.63 टन गीला कूड़ा निकलता है। जिसे ट्राली व वैन के माध्यम से कूड़ा निस्तारण केंद्र पर पहुंचाया जाता है। ईओ मुकेश कुमार चौधरी ने बताया कि उपलब्ध भूमि पर कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने के लिए नगर पालिका बोर्ड में प्रस्ताव रखा जाएगा, अनुमोदन के बाद इस संबंध में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
शहर में अब तक सड़क किनारे कूड़ा निस्तारण किए जाने से बहुत सांसत होती थी, इसके दुर्गंध से रास्ते पर चलना मुश्किल होता है। कूड़ा निस्तारण केंद्र बनने के बाद इससे निजात मिलने की उम्मीद है।
दीपक दूबे, शहरवासी
कूड़ा निस्तारण के लिए डंपिंग यार्ड बनने से शहर को स्वच्छ बनाने में सहूलियत होगी, अभी तक मोहल्ले की गलियों में कूड़ा नहीं उठाए जाने से समस्या होती है।
राजेश कुमार, शहरवासी