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Siddharthnagar News: पंचायत में दिनदहाड़े हत्या के मामले में चार को आजीवन कारावास

सिद्धार्थनगर। अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय निशा झा ने पंचायत के दौरान दिनदहाड़े हत्या के मामले में चार दोषियों को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक पर 25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। मामला तत्कालीन बांसी थाना क्षेत्र (अब डिड़ई थाना क्षेत्र) के ग्राम असनहरी का है। घटना 18 नवंबर 2019 को सड़क के लिए हो रही पंचायत के दौरान हुई थी।

ग्राम असनहरी निवासी अनिल सिंह राणा ने पुलिस को तहरीर देकर कहा था कि उनके घर के रास्ते पर ग्राम प्रधान पंकज सिंह उर्फ दीपू द्वारा इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण कराया जा रहा था। जिसे उनके घर से कुछ दूर पहले ही रोक दिया गया, जिसको पूर्ण करने का आग्रह उनके द्वारा किया गया। इसी संबंध में 18 नवंबर 2019 को उनके घर पर पंचायत होनी थी। पंचायत में उनकी तरफ से उनके भतीजे दीपेंद्र, विक्रम, विपुल सिंह, राजन सिंह तथा गांव के अन्य लोग थे, जबकि दूसरी तरफ से प्रधान पंकज सिंह उर्फ दीपू एवं प्रशांत सिंह उर्फ नीरज सिंह पुत्रगण विनोद सिंह, विनोद सिंह पुत्र उदयभान सिंह निवासी असनहरी, उपेंद्र सिंह व अनमोल सिंह निवासी महराजगंज थाना कप्तानगंज जिला बस्ती व अन्य लोग मौजूद थे। पंचायत के दौरान पंकज सिंह व विनोद सिंह क्रोधित होकर साथ के लोगों को ललकारते हुए बोला कि – मार डालो। जिसपर पंकज सिंह उर्फ नीरज सिंह एवं अनमोल सिंह हाथ में पिस्टल लेकर जान मारने की नीयत से फायर कर दिया, जिसमें नीरज सिंह द्वारा चलाई गई गोली विपुल सिंह को लगी। वह लोग फायर करते व ललकारते हुए कि मार दिया कहते हुए भाग गए। विपुल सिंह को जिला अस्पताल बस्ती ले जाने पर डॉक्टरों ने उनको मृत बताया। यह घटना प्रधान पंकज सिंह उर्फ दीपू एवं उनके साथियों द्वारा पूर्वनियोजित तरीके से एकराय होकर अत्यंत दुस्साहसिक तरीके से दिनदहाड़े किया गया है। पुलिस ने हत्या, आपराधिक षडयंत्र, बलवा एवं दंगा तथा जानमाल की धमकी के अपराध में उक्त पांचों नामजद लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विवेचना कर आरोप पत्र दाखिल किया। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान उपलब्ध साक्ष्यों, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, तथ्यों एवं परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए उपेंद्र सिंह को दोषमुक्त किया। साथ ही पंकज सिंह उर्फ दीपू सिंह, विनोद सिंह, प्रशांत सिंह उर्फ नीरज एवं अनमोल को आपराधिक षड्यंत्र पूर्वक हत्या, बल्वा, दंगा एवं जानमाल की धमकी का दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। अभियुक्त अनमोल सिंह को सबूत छिपाने का भी दोषी करार देकर उसमें भी सश्रम कारावास के साथ ही 10 हजार रुपये का अतिरिक्त अर्थदंड अधिरोपित किया। पिस्टल के स्वामी दीपक सिंह को शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुए दो हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। राज्य सरकार की तरफ से पीड़ित पक्ष की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार त्रिपाठी ने की।

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