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Siddharthnagar News: ट्रेन आई तो कटें या डूब जाएं, जान जाना तय

सिद्धार्थनगर/शोहरतगढ़। गोरखपुर- गोंडा रेलखंड पर स्थिति बनगंगा नदी के रेलवे पुल पर ट्रैक से होकर लोग गुजरते हैं। इसे हादसे का ट्रैक कहना गलत नहीं होगा। क्योंकि ट्रेन आई तो कट जाएं या फिर नदी में डूब जाएं, जान तो जाना तय है। इसके बावजूद पीछे से आ रही मौत को नजरअंदाज करके लोग ट्रैक पर जिंदगी का कदम आगे बढ़ा रहे हैं। जो उनके और उनके साथ चलने वाले परिवार के लिए घातक है, लेकिन पांच किलोमीटर दूरी अधिक तय न करना पड़े। इससे बचने के लिए वह जिंदगी को खतरे में डालकर आए दिन गुजरते हैं।

जैसे बृहस्पतिवार को एक साइकिल सवार के साथ हुआ। निकलते वक्त ट्रेन ट्रैक पर आ गई और वह साइकिल सहित नदी में गिर गया। जो लापता हो गया है। शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र के गोरखपुर-गोंडा रेलखंड पर परसा स्टेशन व महथा स्टेशन के पश्चिम बानगंगा नदी पर रेलवे विभाग की ओर से पुल पर रेल पटरी बिछाई गई है। इस पुल पर जब यह रेलवे लाइन छोटी थी, तबसे रेलवे की पटरी से प्रतिदिन हजारों लोग आवाजाही करते हैं। कई बार घटनाएं भी हुई हैं, लेकिन आने जाने वाले लोग किसी भी घटना से सबक नहीं ले रहे हैं। अब यह रेलवे लाइन बड़ी हो गई है। विद्युतीकरण भी हो गया है, लेकिन रेलवे विभाग ने केवल बोर्ड लगाकर अपनी जिम्मेदारी खत्म कर ली है। रेलवे को इस रास्ते को बंद कर देना चाहिए, जिससे आवाजाही बंद हो जाए।

स्थानीय लोगों ने बताया कि हर साल यहां हादसे होते हैं, लेकिन रेलवे विभाग ने अब तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया है। हमेशा हादसे का डर बना रहता है, लेकिन सफर करने वाले मान नहीं रहे हैं। इस पर रोक लगाने की जरूरत है।

पांच किलोमीटर दूरी तय करने से बचने के लिए जोखिम में डाल रहे जान
बानगंगा नदी के मुख्य पुल और रेलवे से गुजरने में लगभग पांच किलोमीटर दूरी को अंतर होता है। रेलवे ट्रैक से गुजरने में पांच किलोमीटर दूरी कम तय करना पड़ता है। इसलिए हादसे को नजरअंदाज करके लोग इसी जिंदगी को दांव पर लगाकर लोग ट्रैक से होकर गुजरते हैं। इसमें क्षेत्र के 20 से अधिक गांव के पैदल और साइकिल वालों को मुख्य मार्ग यही बन चुका है।


बाजार के दिन और बढ़ जाती है ट्रैक पर भीड़
बृहस्पतिवार को महथा में साप्ताहिक बाजार लगता है। इस दिन क्षेत्र के 20 से अधिक गांव के हजारों महिलाएं, पुरुष इसी रास्ते से होकर बाजार जाते हैं और फिर बाजार से लौटकर आते भी हैं। वहीं हर दिन 500 से अधिक लोग इस रेलवे पुल से होकर गुजरते हैं।

बोले आसपास के लोग
इस पुल से कई गांव के लोग पैदल व साइकिल से रेलवे स्टेशन, महथा बाजार व शोहरतगढ़ आते जाते हैं। कम दूरी के चलते लोग शार्ट कट रास्ते से आते-जाते हैं। इस जगह पर कई घटनाएं हो गई है। पाबंदी की जरूरत है।
-मोहम्मद आसिम, निवासी महथा

रेलवे विभाग को इस रास्ते को बंद कर देना चाहिए। जिस तरह रेलवे विभाग राप्ती नदी पर रेलवे पटरी के बगल यात्री पुल बनाया है। उसी तरह यहां भी बना चाहिए, जिससे लोग आसानी से आवाजाही करते।
-रामचैन, निवासी महथा

इस रेलवे के पुल पर क्षेत्र कई युवा, महिला वृद्ध व बच्चे नदी में गिर गए है, और कई ट्रेन की चपेट में आकर कट गए हैं। अगर यहां सुरक्षा घेरा नहीं बनाया गया तो और भी घटनाएं घट सकती हैं।
-धर्मेंद्र निवासी, महथा

रेलवे विभाग के कर्म चारी जिस तरह पुल के पार कुछ दूरी पर ट्रेन जाने के लाल झंडा लगा देता हैं। जैसे ट्रेन आने का समय होता तो उसे हटा लेता हैं। जब ट्रेन चली जाती है। तो पुन: लगा देता हैं। जो जानकर है, वह पुल को पार करने से पहले उस झंडी को देख लेते हैं। कुछ नही देख पाते और कुछ दूर होने की वजह से नहीं देख पाते है। जिससे घटना घट जाती हैं। -अलताफ, निवासी महथा

केस- एक
दो साल पहले कार्तिक पूर्णिमा पर थाना शोहरतगढ़ क्षेत्र के गोल्हौरा गांव निवासी दो युवक महथा रेलवे स्टेशन के पास गुजरी बानगंगा नदी पर बने पुल से गिर गए थे। दोनों की डूबने से मौत हो गई थी।

केस-दो
लगभग कुछ साल पहले थाना क्षेत्र खड़कुइया की एक महिला अपने बच्ची के साथ इस रेलवे पुल को पार कर रही थी। अचानक ट्रेन आ जाने वह डर कर नदी में बच्ची समेत कूद गई थी। दोनों की डूबने से मौत हो गई थी।

केस-तीन
17 दिसंबर 2021 में एक नेपाली युवक नदी में गिर गया था। स्थानीय लोग उस समय नदी कूद उसे बाहर निकालकर शोहरतगढ़ सीएचसी पहुंचाया था। तब जाकर उसकी जान बची थी।

उसका पुराना रेलवे पुल हादसे का केंद्र
गोरखपुर- गोंडा रेलखंड की टे्रन संचालन के लिए उसका के कूड़ा नदी पर रेलवे का पुल बना हुआ था। बड़ी लाइन होने के बाद इस पर टे्रन का संचालन बंद हो गया। मौजूदा समय में यह जर्जर हो चुका है। इसके बाद भी नियमित इस पुल से होकर हजारों की संख्या में लोग गुजरते हैं।

बोले अधिकारी
रेलवे के पुल व ब्रीज का काम डब्ल्यूआई, व डब्ल्यूओ आई देखती है। सुरक्षा के मद्देनजर कहा बैरिकेटिंग करना है, कहा नहीं करना है। यह उनका काम है। लेकिन सुरक्षा के दृष्टि से इस समस्या को उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।
-भवेश कुमार, स्टेशन अधीक्षक शोहरतगढ़

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