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Siddharthnagar News: डेढ़ साल से धरे बैठे पांच सौ करोड़, गड्ढों से खिसक रही रीढ़ की हड्डी

सिद्धार्थनगर। उसका बाजार से शहर होते हुए शोहरतगढ़ जाने वाले एनएच 730 के गड्ढों से राहगीरों के रीढ़ की हड्डी खिसक रही है। जबकि डेढ़ वर्ष पूर्व 32 किमी लंबे इस मार्ग के चौड़ीकरण व सुदृढि़करण के लिए पांच सौ करोड़ रुपये आवंटित हो चुके हैं। है। इस बीच वन विभाग से एनओसी के इंतजार में अटका निर्माण कार्य अब बरसात के मौसम के चार माह बाद ही शुरू हो सकेगा।

पांच वर्ष से महराजगंज जिले की सीमा से उसका व शहर होते हुए शोहरतगढ़ तक क्षतिग्रस्त एनएच 730 के गड्ढों ने कईयों को कमर, पीठ और गर्दन में दर्द दे दिया है। हालत यह है कि इन गड्ढों के दर्द से बचने के लिए शहर से गोरखपुर जाने वाले और दूसरी तरफ शोहरतगढ़ व बढ़नी की यात्रा करने वाले दो व चार पहिया वाहन चालक इस सड़क पर यात्रा करने से कतराते हैं। एनएच 730 के चाैड़ीकरण एवं सुदृढि़करण के लिए जनवरी 2022 में पांच सौ करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली और धन आवंटित हो चुका है। इसके बाद एनएच सड़क किनारे से पेड़ों को हटाने के लिए वन विभाग से एनओसी लेने के लिए आनॅलाइन आवेदन की प्रक्रिया एक वर्ष से उलझी हुई है। वर्तमान में एनओसी आवेदन की फाइल जिले से प्रदेश स्तर तक पहुंची है, जहां से केंद्र में भेजकर अनुमति लेनी बाकी है। साथ ही इस मार्ग पर दो स्थानों पर बाईपास निर्माण के लिए किसानों से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। यह दोनों प्रक्रिया अगर पूर्ण भी हो जाती है तो इधर बरसात का मौसम शुरू होने से सड़क निर्माण कार्य चार माह तक लंबित रहेगा। वाहन चालक रामवीर कहते है कि अब भी चार माह तक इस सड़क के गड्ढे से गुजरना रीढ़ की हड्डी के दर्द को और बढ़ा देगा।
साढ़े नौ किमी लंबे बनेंगे दो बाईपास
पांच सौ करोड़ की लागत से महराजगंज जिले की सीमा से शोहरतगढ़ तक 32 किमी एनएच के चौड़ीकरण एवं सुदृढि़करण के साथ ही उसका में सात किमी लंबा बाईपास बनेगा। इसके लिए जिले में चार गांवों के किसानों से आठ हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करने की कार्रवाई चल रही है। इसके अलावा चिल्हिया रेलवे क्रासिंग के पास 2.5 किमी लंबा बाईपास बनेगा, जिसके बीच रेलवे अंडरपास बनेगा। वहीं शोहरतगढ़ में 189 करोड़ रुपये की लागत से नौ किमी बाईपास एवं दो रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण होगा।

निर्माण पूरा होता तो इन झंझटों से मिल जाता छुटकारा
एनएच निर्माण पूरा होने पर सड़क के गड्ढों से मुक्ति मिलने के साथ ही तीन रेलवे क्राॅसिंंगों के बंद होने से लगने वाले जाम से छुटकारा मिल जाएगा। इससे वाहन चालकों को प्रतिदिन मिलने वाले दर्द से छुटकारा मिलेगा। साथ ही इन रेलवे क्राॅसिंगों पर रुककर वाहन चालकों को ट्रेनों के गुजरने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वहीं शोहरतगढ़ में बाईपास और दो ओवरब्रिज के निर्माण से कस्बे में संकरी सड़क में फंसकर लगने वाले जाम से भी वाहन चालकों को मुक्ति मिल जाएगी।
एनएच पर शोहरतगढ़ के आगे गौहनिया चौराहे से बढ़ते ही सड़क पर चलना मुश्किल रहता है, साथ ही सनई तक हिचकोले खाते हुए चलना पड़ता है। जिससे कमर और पीठ में दर्द शुरू हो गया है।
– विकास सिंह, वाहन चालक

गौहनिया से प्रतिदिन जिला मुख्यालय तक सफर करता हूं। सनई तक एनएच पर पर जगह-जगह गड्ढों में हिचकोले खाने से रीढ़ की हड्डी में दर्द बढ़ गया है। साथ ही हर समय हादसे का डर रहता है।
– अजय शुक्ला, वाहन चालक

एनएच निर्माण के लिए किसानों से भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया और सड़क चौड़ीकरण के लिए किनारे के पेड़ों को हटाने के लिए एनओसी लेने की प्रक्रिया चल रही है, बरसात बाद सड़क निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
– आरके वर्मा, अधिशासी अभियंता, एनएच

अस्पताल में प्रतिदिन आ रहे दर्द के मरीज
जिला अस्पताल समेत अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों पर कमर, पीठ व गर्दन दर्द के मरीज आ रहे है। चिकित्सक उन्हें गड्ढों वाली सड़क पर बाइक अथवा कार चलाने से मना कर रहे है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. केके यादव का कहना है कि वर्तमान में गड्ढाें में हिचकोले खाने से वाहन चालकों को रीढ़ की हड्डी के दर्द की समस्या सामने आ रही है। इस तरह के मरीजों की तादाद प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।

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