गायत्री परिवार के कैलाशनाथ पांडेय ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु को अत्यधिक सम्मानित स्थान प्राप्त है। गुरु और शिष्य के बीच सबसे बड़ी बात यह है कि गुरु के हर आदेश का पालन करना है। भरोसा, आस्था और विश्वास पक्का होना चाहिए। कोई भी प्रार्थना बेकार नहीं जाती। अपनी आस्था बनाए रखो और डर को परे रखो।
उन्होंने कहा कि जीवन एक रहस्य है जिसे तुम्हें खोजना है। अगर तुम यह जान जाओ कि जीना कैसे है तो जीवन सचमुच बेहद आश्चर्यजनक है। गुरू पर भरोसा और समर्पण का भाव रखेंगे तो जीवन सफल हो जाएगा। गुरु का महत्व बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु को अत्यधिक सम्मानित स्थान प्राप्त है।
उन्होंने कहाकि भारतीय इतिहास पर नजर डालें तो उसमें गुरु की भूमिका समाज को सुधार की ओर ले जाने वाले मार्गदर्शक के रूप में होने के साथ क्रांति को दिशा दिखाने वाली भी रही है। भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर माना गया है। भक्ति कभी समाप्त नहीं होना चाहिए, मनुष्य की इच्छा और आकांक्षा कभी समाप्त नहीं होना चाहिए।