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Siddharthnagar News: बदलते मौसम के साथ बदला जानवरों का व्यवहार, हो गए आक्रामक

सिद्धार्थनगर। अगर आपके मोहल्ले या फिर घर के आसपास बंदरों की जमावड़ा है तो सावधान हो जाएं। क्योंकि मौजूदा समय में बंदर आक्रामक हो गए हैं। आक्रोशित हुए तो वह आपको पलभर में हमला करके लहूलुहान कर देंगे। आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि लोगों पर बंदरों के हमले बढ़ गए हैं। माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में जहां माह में बंदर के काटने के एक या दो मामले आते थे, अब रोज एक या दो मामले आ रहे हैं। पशु चिकित्सक गर्मी और पानी की कमी से आक्रामक होने की बात कह रहे हैं।

कुत्तों के हमलावर होने की घटना आम है। कुत्ते अधिक ठंड पड़ने पर काटने के लिए दौड़ते हैं। कभी-कभी गर्मी में भी एकाएक आक्रोशित होते हैं। लेकिन बंदर के गर्मी में आक्रामक होकर काटकर घायल करने की घटना कम सुनने में आती है। लेकिन यह सच है कि मौजूदा समय में बंदर हमलावर हो चुके हैं। वह कब किस पर हमला कर दें, इस बात का कोई अंदाजा नहीं है। इसलिए अगर आपके आसपास बंदरों की झुंड है और घर पर बंदर आते हैं तो आपको को सावधान होने की जरूरत है। नहीं तो यह परिवार के किसी भी सदस्य को काट सकते हैं। मेडिकल कॉलेज के एंटी रैबिज इंजेक्शन कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार यहां प्रतिदिन एक या दो मरीज बंदर के हमले का शिकार होकर आ रहे हैं। यह पिछले दो माह से बढ़ा है। जबकि पहले माह में दो से पांच केस तक अधिकतम पहुंचता था। माह में 30 से 45 केस तो आ ही जा रहे हैं। इस संबंध में प्राचार्य डॉ. एके झा ने बताया कि एंटी रैबिज इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है। आने वाले हर मरीज को इंजेक्शन लगाया जा रहा है।

महिला को दौड़ाकर काट लिया

सिद्धार्थनगर रेलवे स्टेशन पर कहीं सफर करने के लिए पहुंची सोहांस क्षेत्र के मुनरा देवी को एक पखवारा पहले बंदर ने हमला करके जख्मी कर दिया था। उसे एक निजी अस्पताल में इलाज करवाना पड़ा। इसके बाद एंटी रैबिज का इंजेक्शन लगाया।

हाथ में सब्जी देख कर दिया हमला

वनविभाग कालोनी में सब्जी लेकर आ रहे एक युवक पर बंद टूट पड़ा। उसे जब काटने लगा तो वह सब्जी बनाने के लिए लेकर आ रहा केला बंदर को दे दिया। तब जाकर उसकी जान बच सकी।

इसलिए हमलावर हो रहे बंदर

गर्मी के मौसम में बाल झड़ने के साथ ही बंदरों के शरीर में तेजी से खुजलहाट होती है। जिससे वह चिड़चिड़े हो जाते हैं, जैसा की मौजूदा समय में हैं। इसके साथ ही पानी भी समय पर नहीं पी पाते हैं। खाने को भी कम मिलता है। यही वजह है कि आक्रामक हो गए हैं। अगर आसपास बंदर रह रहे हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि कब काट लेंगे इसका कोई पता नहीं है। अगर काटते हैं तो इंजेक्शन जरूर लगवाएं।

– अरुण प्रजापति, पशुधन प्रसार अधिकारी सिद्धार्थनगर

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