सिद्धार्थनगर। बस्ती मंडल का पहला आईटी पार्क सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज में बनेगा। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने एसजीसी सिटी सेंटर को 25 करोड़ रुपये से आईटी पार्क बनाने की मंजूरी दे दी है। इस पार्क को बनने के बाद आईटी के क्षेत्र में शोध एवं विकास कार्य होंगे। इस प्रोजेक्ट को रफ्तार पकड़ने के बाद एक हजार युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है, जबकि आईटी, डाटा साइंस एवं कंप्यूटर इंजीनियर्स एवं इंजीनियरिंग छात्र-छात्राओं को नए अवसर प्राप्त होंगे।
बाढ़ प्रभावित और औद्योगिक क्षेत्र में पिछले जिले सिद्धार्थनगर में बड़े उद्योग की नींव पड़ने की संभावना बढ़ गई है। यूपीसीडा ने डुमरियागंज बेंवा मार्ग पर एसजीसी आईटी पार्क बनाने की मंजूरी दे दी है। अनिवासी भारतीय उद्यमी काजी अहमद मुख्तार के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है। इसी स्थान पर उन्होंने एसजीसी सिटी के अंतर्गत शापिंग मॉल, इंस्टीट्यूट, हॉस्पिटल एवं फोर स्टार होटल बनाने का भी प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस प्लाट में दस मंजिली इमारत बनाई जाएगी। फिलहाल कंपनी ने हाइराइज बिल्डिंग बनाने की अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रोजेक्ट के अंतर्गत डुमरियागंज के आईटी प्रोडक्ट विश्व स्तरीय बाजार में उपयोगी साबित होंगे।
पार्क में होंगे ये कार्य
– ब्लॉक चेन के अंतर्गत साॅल्यूशन प्रोवाइड करने का कार्य
– फाइनेंसियल टेक्नोलॉजी
– इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी
– आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस
– डाटा स्टोरेज
– इनोवेशन इन टेक्नोलॉजी
आईटी पार्क के अंतर्गत रिसर्च एंड डेवलपमेंट के कार्य होंगे। इसमें शुरुआती दौर में 100 और प्रोजेक्ट को रफ्तार पकड़ने के बाद 1000 युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मेधावी इंजीनियर्स के टैलेंट के माध्यम से क्रिएटिव इनोवेशन किया जाएगा। गांव की जिस मिट्टी में मेरा जन्म हुआ है, वहां पर कुछ अलग करने की सोच के साथ आईटी पार्क सहित एसजीसी सिटी सेंटर बनाने का कार्य शुरू किया है। 15 जून से कार्य शुरू कराने की योजना थी, लेकिन बरसात बाद सितंबर में पार्क का शिलान्यास होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 18 आईटी पार्क बनाने की योजना बनाई है, जिसमें जिसमें एसजीसी आईटी पार्क सातवां है। यह बस्ती मंडल का पहला आईटी पार्क होगा।
– काजी अहमद मुख्तार, संस्थापक, एसजीसी ब्लॉक चेन एंड पे
56 उद्यमियों से हो रहा है संवाद
उपायुक्त उद्योग दयाशंकर सरोज ने बताया कि जिले में 20 जनवरी को हुए इन्वेस्टर्स समिट के बाद जिले में उद्योग बढ़ाने की दिशा में कार्य हो रहा है। जिले में 214 उद्यमियों ने 9797 रुपये निवेश का अनुबंध किया है। आईटी पार्क को मंजूरी मिली है। 56 उद्यमियों से संवाद हो रहा है, उनके माध्यम से 368 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है, जबकि इनके अतिरिक्त चार बड़े उद्योग शुरू हो सकते हैं।
ये उद्यमी भी हैं सक्रिय
– राजेश बोरा ने 4.5 करोड़ रुपये से गिर व शाहीवाल नस्ल की गायों के सीमेन और डेयरी प्रोजेक्ट की तैयारी की है, जमीन उपलब्ध हो गई है।
– प्रिंस गक्खर ने 300 करोड़ रुपये पराली व घास फूस के माध्यम से रिनुअल एनर्जी में कार्य करने की योजना बनाई है। फिलहाल उत्पादित बिजली को बेचने के लिए पॉवर कारपोरेशन से पत्राचार हो रहा है।
– आरएस पांडेय ने सीलिंग फैन के सामान बनाने के कारखाना के लिए जमीन खरीद ली है, जबकि 15 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट से छाजन की शीट बनाने का कार्य शुरू करने के लिए प्रयासरत हैं।
9000 करोड़ रुपये के निवेश का इंतजार
उद्योग विभाग के निवेश पोर्टल पर दक्षिण भारत के एक उद्यमी ने 9000 रुपये के निवेश से थोरियम से बिजली बनाने का अनुबंध किया है। इस उद्यमी ने ऑनलाइन माध्यम से सिद्धार्थनगर में उद्योग शुरू करने का अनुबंध किया है। उद्योग विभाग के अधिकारियों और उद्यमी के बीच संवाद हो रहा है, लेकिन उद्यमी से मुलाकात नहीं हो पाई है। यदि यह उद्योग लग जाएं तो जिले में औद्योगिक क्रांति आ सकती है।