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Siddharthnagar News: इमाम अली रजा के शहादत दिवस पर हुई मजलिस

सिद्धार्थनगर। शिया समुदाय के आठवें इमाम अली रजा के शहादत दिवस पर मंगलवार को शिया बहुल कस्बा हल्लौर में मरसिया मजलिस और नौहा मातम हुआ, जो पूरे दिन भर चलता रहा। इसमें अकीदतमंदों ने शोक मनाकर इमाम अली रजा को श्रद्धा सुमन पेश किया।हजरत इमाम अली रजा अलैहिस्सलाम के शहादत दिवस को लेकर मंगलवार की दोपहर सबसे पहले जामा मस्जिद में मरसिया मजलिस हुई, जिसमें मरसियाख्वानी अंबर मेहंदी और उनके सहयोगियों ने की। मौलाना मोहम्मद हसन ने इमाम अली रजा की शहादत को विस्तार से बयान किया, जिसको सुनकर मजलिस में मौजूद सभी अजादार रो पड़े। जामा मस्जिद के बाद इमामबाड़ा वफफ शाह आलमगीर शानी बड़ा इमामबाड़ा में मरसिया मजलिस आयोजित हुई। जिसमें मरसिया हैदरे कर्रार और उनके सहयोगी ने पढ़ा। मौलाना मोहम्मद हसन ने कहा कि हुकूमत करने वालों का कोई मजहब नहीं होता, लेकिन हकीकत यह है कि उनका भी एक धर्म होता है, जिसे सत्ता धर्म कहते हैं। कहा कि हाकिमों ने बादशाहत के लिए पैगंबर मोहम्मद साहब के परिवार वालों को सहारा बनाया। मजलिस के बाद अकीदतमंंदों ने इमाम अली रजा का ताबूत निकालकर नौहा मातम करते हुए कर्बला स्थित इमाम अली रजा के रौजे पर पहुंचकर जोरदार नौहा मातम किया। जुलूस वहीं पर देर शाम समाप्त हो गया। इमामबाड़ा हुसैनिया बाबुल, इमामबाड़ा सेठ बाबा में भी मरसिया मजलिस आयोजित हुई। इस दौरान मौलाना अली अब्बास, मौलाना नेहाल, अजीम हैदर, वजीर हैदर, काजिम मेहंदी, वजीहउल हसन, तसबीब हसन, अब्बास अली आदि मौजूद रहे।

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