महात्मा बुद्ध की जन्मस्थली कपिलवस्तु में पर्यटन सुविधाएं विकसित करने की योजना रफ्तार पकड़ने लगी हैं। इसके प्रथम चरण में पर्यटन विभाग ने पिपरहवा स्थित बौद्ध स्तूप के ठीक सामने स्थित 33 एकड़ भूमि किसानों से सीधे खरीद कर रही है। इस भूमि खरीद के लिए शासन से 53.20 करोड़ रुपये आवंटित हो चुके हैं। यहां पर विभाग की तरफ से टूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर समेत विभिन्न निर्माण कार्य होने हैं। अब दूसरे चरण में पिपरहवा बौद्ध स्तूप व गनवरिया बौद्ध स्थल के बीच स्थित 400 बीघा (124 एकड़) भूमि खरीद की योजना तैयार हो रही है। तहसील प्रशासन की तरफ से चिह्नित भूमि काे सर्किल रेट से चार गुना मूल्य पर 1.30 अरब रुपये में खरीद का प्रस्ताव डीएम संजीव रंजन ने शासन को भेजा था। जिसके बाद पर्यटन निदेशालय की तरफ से चिह्नित भूमि की उपयोगिता जानने को राजस्व सलाहकार टीम ने निरीक्षण किया है। पर्यटन अधिकारी प्रियंका सिंह ने कहा कि जिले के सर्वाधिक महत्वपूर्ण धार्मिक एवं पर्यटन स्थल कपिलवस्तु में पर्यटन सुविधाएं विकसित करने को भूमि चिह्नित की गई है। पर्यटन निदेशालय ने चिह्नित भूमि का निरीक्षण भी किया है। खरीद के बाद उपलब्ध भूमि पर योजनाबद्ध तरीके से पर्यटक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
अलग-अलग देशों के बनेंगे बौद्ध मठ
नेपाल सीमा से सटे अलीगढ़वा कस्बा के निकट कपिलवस्तु में (पिपरहवा बौद्ध स्थल) पर्यटक सुविधाओं के अभाव के चलते स्थानीय एवं विदेशी पर्यटक आने से कतराते हैं। सरकार ने अब यहां पर लुंबिनी की तर्ज पर अलग-अलग देशों के बौद्ध मठ स्थापित करने के साथ ही उन देशों के पर्यटकों के लिए आवासीय एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को संबंधित देशों को भूमि उपलब्ध कराया जाएगा। इससे यहां पर पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलना तय है।
यहां नहीं है ठहरने की सुविधा
कपिलवस्तु में आवागमन समेत ठहरने के लिए होटल अथवा भोजन करने का उचित प्रबंध नहीं होने के कारण देशी अथवा विदेशी पर्यटक नहीं आते हैं। बौद्ध स्थल के आसपास विश्राम की सुविधा नहीं होने से बाहर से आने वाले यात्री कुछ देर के लिए ही यहां पर आते हैं और वापस चले जाते हैं। पर्यटन सुविधाओं का विकास होने और पर्यटकों के आने से यहां के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और पूरे क्षेत्र का तेजी से विकास होगा।