सिद्धार्थनगर। दो दिन से नेपाल समेत जिले में लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। नेपाल में हुई बारिश से शोहरतगढ़ स्थित बाणगंगा बैराज पर पानी का दबाव बढ़ने से 16 में से आठ फाटक खोलने पड़े हैं। वहीं राप्ती, बूढ़ी राप्ती, कूड़ा व घोघी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इससे नदी किनारे बसे गांव के लोगों की धड़कनें बाढ़ की आशंका से तेज होने लगी हैं।
बारिश से बाणगंगा नदी पर नहरों में पानी छोड़ने के लिए शोहरतगढ़ में बने बैराज पर पानी का दबाव बढ़ने लगा था। बैराज पर पानी दबाव से बचने के लिए सिंचाई विभाग ने वहां लगे 16 फाटकों में आठ फाटक खोल दिए है। इससे बैराज के दूसरे तरफ नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। लगातार बारिश से बीते 24 घंटे के अंदर राप्ती, बूढ़ी राप्ती, कूड़ा और घोघी नदी में 15 से 25 से सेमी तक बढ़ गया है। बीते वर्ष बाढ़ की त्रासदी झेल चुके जोगिया क्षेत्र के राम प्रसाद कहते है कि अभी से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। उसका क्षेत्र के बाढ़ पीड़ित ललऊ का कहना है कि नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही बाढ़ की आशंका से रात में नींद नहीं आ रही है।
फाटक खुलने से नहरों में नहीं जा सकेगा पानी
बानगंगा बैराज से निकलने वाली नहरों से आसपास के बड़े क्षेत्र में खेतों की सिंचाई होती है। बैराज का फाटक बंद होने पर इन नहरों में पानी छोड़ा जाता है, बारिश के पानी के दबाव से आठ फाटक खुल जाने से इन नहरों में पानी नहीं जा सकेगा। जिससे खेतों की सिंचाई नहीं हो सकेगी।
बांध निर्माण से जलनिकासी बंद, बारिश ने बढ़ाई बेचैनी
सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज कस्बा के शाहपुर में नव निर्मित शाहपुर भोजपुर बांध से जल निकासी मार्ग बंद हो गई है। अब लगातार बारिश से नगर के लोगों की चिंता बढ़ गई है। बांध का निर्माण अधूरा रहने से पिछले वर्ष आए बाढ़ से कई गांव के लोगों को पलायन करना पड़ा था। इस वर्ष बांध का निर्माण होने से बाढ़ से तो राहत मिलेगी लेकिन जलनिकासी का इंतजाम नहीं होने से लोग परेशान है। बांध में रेगुलेटर नहीं लगाए जाने से बरसात के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। शाहपुर निवासी गणेश जायसवाल ने कहा शाहपुर और नेबुआ गांव के सरहद पर जलनिकासी के लिए पाईप डालकर पानी बहने का रास्ता बना दिया लेकिन बाढ़ में यह सबके लिए मुसीबत का कारण बन सकता है। शाहपुर निवासी अलोक अग्रहरि व बबुआ सिंह ने जलनिकासी का बेहतर इंतजाम करने की मांग की है। संवाद