सिद्धार्थनगर। एक सप्ताह से जिले में बारिश बंद है, लेकिन नेपाल में कभी-कभी बारिश होने से नदियों का जलस्तर चढ़ एवं उतर रहा है। इससे शुक्रवार को बाणगंगा नदी का जलस्तर फिर से खतरे के लाल निशान को पार कर गया, वहीं कर गई है, वहीं राप्ती, बूढ़ी राप्ती, कूड़ा व घोघी किनारे कई जगहों पर कटान हो रहे है, जिससे बाढ़ पीड़ितों की सांसे अटकी हुईं हैं।
बारिश नहीं होने के बावजूद जिले में नदियों का जलस्तर कभी घट रहा है तो कभी बढ़ जा रहा है। बाढ़ विशेषज्ञों के अनुसार जिले में बारिश से नदियों के जलस्तर पर बहुत प्रभाव नहीं पड़ता है। नेपाल से निकली जिले की सभी नदियों का जलस्तर वहां होने वाले बारिश पर निर्भर रहता है। एक सप्ताह से लाल निशान से नीचे बह रही बाणगंगा नदी का जलस्तर शुक्रवार को अचानक खतरे के निशान को पार कर गया। इसके अलावा भले ही राप्ती, बूढ़ी राप्ती, कूड़ा, घोघी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे बना हुआ है लेकिन उनका जलस्तर शुक्रवार को धीरे-धीरे बढ़ रहा था। खतरे के निशान से नदियों में जलस्तर कम होने के बावजूद किनारे पर कटान हो रही है। शुक्रवार को भी बूढ़ी राप्ती नदी के उत्तरी तट पर उसका क्षेत्र में हथिवड़ताल गांव के तिवारीपुर टोला एवं दक्षिणी तट पर जोगिया क्षेत्र के फत्तेपुर गांव के पास कटान हो रही है। लोटन क्षेत्र में बेलौहा के पास कूड़ा नदी की कटान से बांध पर खतरा मंडरा रहा है।
दूसरे दिन भी गर्मी व उमस परेशान रहे लोग
सिद्धार्थनगर। एक सप्ताह से बारिश नहीं होने व बृहस्पतिवार को तेज धूप और उमस से परेशान रहे लोगों को शुक्रवार को भी राहत नहीं मिली। कभी-कभी आसमान में बादल छाने से तेज धूप से कुछ राहत रही, लेकिन गर्मी और उमस से लोग हर पांच मिनट पर पसीना पोछते नजर आ रहे, जो सड़क अथवा दुकान पर बाहर कुछ देर तक खड़े रहे वह पसीने तरबतर रहे। मौसम विशेषज्ञ अतुल कुमार सिंह का कहना है कि अब मौसम साफ रहेगा, तेज धूप के साथ तापमान भी बढ़ेगा। तीन दिन बाद मौसम में बदलाव होगा, जिससे हल्की बारिश की संभावना है।
नदियां का जलस्तर (मीटर में)
नदी खतरे का स्तर बृहस्पतिवार शुक्रवार
राप्ती 84.900 82.680 82.750
बूढ़ी राप्ती 85.650 84.300 84.450
कूड़ा 83.520 80.330 80.500
घोघी 87.000 83.20 83.30
बानगंगा 93.420 92.40 93.50