कपिलवस्तु (सिद्धार्थनगर)। बौद्ध धर्म की साधना और विकास के बहाने चीन पड़ोसी देश नेपाल में दखल बढ़ा रहा है। बुद्ध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर बृहस्पतिवार की शाम चीन ने भारतीय सीमा से आठ किमी दूर नेपाल के लुंबिनी में अनधिकृत कार्यक्रम आयोजित किया। पूर्णिमा के अवसर पर लुंबिनी को दुल्हन की तरह सजाया गया था। देश-विदेश के लोग गए हुए थे। ऐसे में चीन ने कार्यक्रम किया। नेपाली मीडिया में भी इसकी आलोचना हो रही है।
भारतीय सीमा से सटे नेपाल के क्षेत्रों में चीन अपनी दखल बढ़ाता जा रहा है। नेपाली नागरिकों का भी मानना है कि नेपाल में चीन की बढ़ती दखल ठीक नहीं है। बताया जा रहा है कि विश्व विरासत लुंबिनी में चीन ने दीप प्रज्ज्वलन सहित कई कार्यक्रम की अनुमति ली और चीनी गुंबा (धार्मिक स्थल) की फोटो लगाकर प्रचार प्रसार किया, जबकि यूनेस्को के निर्देश के अनुसार लुंबिनी सहित अन्य विश्व विरासत में सियासी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
बुद्ध पूर्णिमा से दो दिन पहले बुधवार रात चीनी धार्मिक एवं सांस्कृतिक संगठन के महासचिव हांग सांग सहित 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल काठमांडू पहुंचा। दल ने अगले दिन बृहस्पतिवार को लुंबिनी में पहुंचकर कार्यक्रम किया, जबकि उनके पहुंचने से पहले लुंबिनी परिक्षेत्र में चीनी धार्मिक स्थलों के फोटो लगा दिए गए थे। चीन की ओर से लुंबिनी में ऐसा कार्यक्रम पहली बार किया गया है। इस कारण सीमाई क्षेत्रों में इसकी चर्चा हो रही है।
लुंबिनी विकास कोष के सदस्य सचिव सानुराजा शाक्य ने बताया कि चीनी मठ ने दीप प्रज्ज्वलन सहित दो घंटे की अनुमति ली थी। इतना बड़ा मंच बनाने की अनुमति नहीं ली गई थी, छोटे कार्यक्रम की अनुमति के बाद चीनी मठ ने बड़ा कार्यक्रम किया। निधि के उपाध्यक्ष अवधेश कुमार त्रिपाठी के सहायक भोला गुप्ता ने बताया कि चीनी मठ के कार्यक्रम में 200 से अधिक लोग शामिल हुए थे।
माया देवी मंदिर परिसर में भी लगाए गुंबा के फोटो
लुंबिनी के माया देवी मंदिर परिसर में चीनियों ने गुंबा के फोटो लगाए थे। प्राचीन इतिहास के जानकारों के अनुसार 2567 वर्ष पहले भगवान बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था। उसी स्थान पर गर्भ गृह को संरक्षित करते हुए माया मंदिर का निर्माण किया गया है। लुंबिनी में यह स्थान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
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लुंबिनी पहुंचे प्रधानमंत्री प्रचंड
कपिलवस्तु। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर शुक्रवार को लुंबिनी के माया देवी मंदिर में पूजा की। उन्होंने कहा कि बुद्ध की जन्मस्थली में विकास की अपार संभावनाएं हैं। सरकार ग्रेटर लुंबिनी मास्टर प्लान शुरू करने जा रही है। कपिलवस्तु के तिलौराकोट, देवदह, रामग्राम के साथ लुंबिनी को विकसित किया जाएगा।