चार मई को ढाई मंडी भूमि का तीन लोगों से हुआ रजिस्टर्ड एग्रीमेंट, 30 जून को लगी रोक
संवाद न्यूज एजेंसी
सिद्धार्थनगर। नगर पालिका की पिठनी बुजुर्ग में बांसी टैक्सी स्टैंड के पास स्थित आठ मंडी विवादित पट्टे की भूमि में ढाई मंडी भूमि का पहले ही ढाई करोड़ रुपये में सौदा हो चुका है। वहीं मामले में नगर पालिका की आपत्ति के बाद एसडीएम नौगढ़ ने दोनों पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने के साथ ही इस भूमि की खरीद बिक्री पर रोक बाद में लगाई है। अब पांच जुलाई को सुनवाई में तय होगा कि जमीन नगर पालिका को मिलेगी या पट्टाधारक के पास रहेगी, लेकिन यह साफ हो गया कि पट्टाधारक को बेसकीमती विवादित भूमि कृषि कार्य के लिए पट्टा नहीं दी गई थी।
जानकारी के अनुसार, नगर पालिका की पिठनी बुजुर्ग में बांसी स्टैंड तिराहे पर स्थित आठ मंडी भूमि वर्ष 1997 में तत्कालीन एसडीएम ने विजयनगर निवासी एक व्यक्ति को कृषि कार्य के लिए पट्टा कर दिया था। वर्ष 2011 में नगर पालिका ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी, जिस पर पट्टा खारिज कर दिया गया। वर्ष 2008 में तत्कालीन एसडीएम ने नगर पालिका से कहा कि वह तर्क दे कि उसे भूमि वापस क्यों दी जाए। 12 मई 2022 में तत्कालीन एसडीएम नौगढ़ ने नगर पालिका का तर्क खारिज कर भूमि पट्टाधारक को आवंटित करने का फैसला सुना दिया।
इसके साथ ही इस भूमि को संक्रमणीय घोषित कर दिया गया। फैसला सुनाने वाले एसडीएम के पास तब नगर पालिका ईओ का भी अतिरिक्त कार्यभार था। इसी बीच पट्टाधारक ने चार मई 2023 को विवादित आठ मंडी भूमि में से ढाई मंडी भूमि बिक्री करने के लिए तीन लोगों से रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया। पट्टाधारक ने ढाई मंडी भूमि का 1.55 करोड़ रुपये में सौदा किया है। इसमें उसे 56 लाख रुपये एडवांस मिल गया है।
एग्रीमेंट में तय हुआ है कि शेष धन 99 लाख रुपये मिलने पर पट्टाधारक यह भूमि संबंधित तीन लोगों को बैनामा कर देगा। इधर, नगर पालिका ने छह जून 2023 को एसडीएम कोर्ट में इस मामले में दोबारा आपत्ति दाखिल करते हुए पट्टा निरस्त करने की मांग की है। इस पर सुनवाई करते हुए 30 जून को एसडीएम डॉ. ललित कुमार मिश्र ने 12 मई 2022 के एसडीएम के आदेश को निरस्त करते हुए दोनों पक्षों को यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया है। साथ ही इस भूमि के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी है। जबकि इस भूमि का सौदा पहले ही तय हो चुका है।
करोड़ों रुपये की है विवादित पट्टे की भूमि
विवादित पट्टे की आठ मंडी भूमि कई करोड़ रुपये की है। इसमें मात्र ढाई मंडी भूमि का डेढ़ करोड़ रुपये में सौदा हुआ है तो शेष बची भूमि की कीमत भी चार करोड़ से अधिक है। जमीन कारोबारियों का मानें तो इस जगह पर सड़क की तरफ तीन से पांच लाख रुपये फीट है। जबकि इस भूमि की सड़क की तरफ चौड़ाई 123 फीट है। ऐसे में जमीन के इस खेल में बड़े सौदे से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। नगर पालिका की इस सरकारी भूमि को पट्टा किए जाने के मामले की और तत्कालीन एसडीएम की भूमिका की भी जांच हो रही है।
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खारिज होगा रजिस्टर्ड एग्रीमेंट : एसडीएम
एसडीएम डॉ. ललित कुमार मिश्र का कहना है कि मामले में पांच जुलाई को सुनवाई होनी है। इसमें उपलब्ध साक्ष्य एवं तथ्य के आधार पर तय होगा विवादित भूमि नगर पालिका के पक्ष में जाएगी अथवा पट्टाधारक। अगर भूति नगर पालिका के पक्ष में जाने का फैसला होता है तो पूर्व में भूमि की बैनामा मनसूख (खारिज) होगा। यदि रजिस्टर्ड एग्रीमेंट हुआ होगा तो वह भी खारिज होगा।